अकेलापन शायरी – Akelapan Shayari in Hindi
Akelapan Shayari in Hindi
- अकेले रहने की अब तो आदत सी है यारा,
अकेलापन किसी मोड़ पे साथ नहीं छोड़ता।
- क़रीब न आओ की कत्ल का होगा इल्जाम तुम पर,
उस अकेलेपन का, जो अब दिलरुबा है मेरी। - उनके हाथों हम हज़ार धोखे और खा लें,
अकेलापन उन धोखों से ज्यादा दर्द देता है। - तुम्हारे इश्क़ ने ख्वाब दिखाए थे कई,
उन ख्वाबों में पर ये अकेलापन तो न था। - कौन कहता है कि समय ही भरता है ज़ख़्म
जरा अकेलेपन की दुकान पे भी आ के देखिए। - अब नहीं जरूरत किसी और हमसफ़र की हमे,
की खूबसूरत सा अकेलापन है हमनवा मेरा। - अकेलापन ही काफी है बिताने को ज़िन्दगी,
और दर्द ये नाज़ुक दिल अब सह नही सकता। - अब किसी और रिअहते कि जरूरत नहीं पड़ती,
एक खूबसूरत रिश्ता अकेलेपन से जुड़ गया है। - जिसकी गोद में ही बस आता है सुकूँ अब,
अकेलापन ही वो दिलरुबा है अब मेरी।
- अब तो इसी अकेलेपन से दिल लगा बैठे हैं हम,
यकीन है इसपे की ये कभी बेवफाई न करेगा। - वो ले रहे थे इम्तेहान हमारा, हमें अकेला कर के,
हमने भी उन्हें छोड़ इसी अकेलेपन से मुहब्बत कर ली। - तुझ पे आए महबूब इतना मर चुके हैं हम,
इसी अकेलेपन में अब जीना आ गया। - कुछ ये असर है मुझपे इस ज़माने का ए खुदा,
भरी महफ़िल में भी अक्सर हम तन्हा होते हैं। - अब तो बस इसी की बाहों में मिलता है सुकूँ,
की ये तन्हाई ही बस एक हमसफ़र है मेरी।
- दुनिया में तो कई रिश्तों के मेले हैं,
इस रिश्तों की भीड़ में भी हम अकेले हैं।
-
अब तो सहारा हैं हमारा सिर्फ तनहाइयाँ
की ये मुझसे कभी बेवफाई नहीं करतीं।
- थक जाता हूँ जब उनकी यादों से मैं,
तनहाइयाँ मुझे अपनी आगोश में ले लेती हैं। - मेरे हर मर्ज़ का इलाज़ है ये तनहाइयाँ,
इनसे अच्छा आज तक कोई हकीम न हुआ। - तुम्हारी वफ़ा के दर से हम हर बार खाली ही लौटे हैं,
अब तो हार कर हम तनहाइयों से ही मुहब्बत कर बैठे हैं। - फर्क नहीं पड़ता जिसे जाना हो चला जाए,
चार दिन की ज़िंदगी है, यारी तन्हाई की ही सही।
– अंशु प्रिया (anshu priya)
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