( बाल श्रम स्लोगन्स ) Bal shram slogans in Hindi Status – child labour Shayari Quotes :

Bal shram slogans in Hindi Status – child labour Shayari Quotesबाल श्रम पर 23 हिंदी स्लोगन्स || Bal Shram in Hindi Slogans child labour quote

Bal shram slogans in Hindi Status – child labour Shayari Quotes

  • एक कली के फूल बनने से पहले ना तोड़ना उसे
    उसकी खूबसूरती खो जाएगी
    बचपने के सम्भलने से पहले उन्हें ना झंझोरना
    उनकी मासूमियत बेमानी बन जाएगी।।
  • खेल-कूद, पढ़ाई- लिखाई, हँसी-ठिठोली
    यही तो हैं बचपन की असल पूँजी
    अपने स्वार्थ के लिए ना छीनना
    उनसे उनका ये सुनहरा अवसर।।
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  • मासूम सी आँखों को सपनों की उड़ान भरने दो
    उन्हें बेबसी लाचारी की थकान में ना पड़ने दो।।
  • मेहनत-मजदूरी की आग में जो उन्हें तपा रहे हो
    उनके बचपन को तुम खाक बना रहे हो।।

निश्छ्ल मन में स्वार्थ का बीज ना बोना
बहुत नाजुक होता है बच्चों के मन का कोना।।

  • हालात के मार तो पहले ही ये झेलते हैं
    और इन मासूमों मजदूरी करवा कर
    उनके भविष्य से निर्मम खेलते हैं।।
  • उम्र के कच्चे हैं ये तो अभी बच्चे हैं
    पढ़ने दो इन्हें… बढ़ने दो इन्हें…
    बालश्रम की आग से ना जलने दो इन्हें।।
  • जिन्दगी की धूप में जहाँ अच्छे-अच्छे जलते हैं
    क्यूं सबकुछ जानकर भी बचपन की छाँव छीन
    बच्चों को उनमें लोग घसीटते हैं।।
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  • इनके बचपन में जो ना रंग भर सको ना सही
    पर इनके बचपन को छीनने का हक भी तुम्हें नहीं।।
  • भोला सा होता है ये बचपन
    नासमझ होता है इसके कल का दर्पण
    इसे आज और कल में फर्क समझाइए
    इसका फायदा ना उठाइए ।।

खिलखिलाते हैं इठलाते हैं, अपने धुन में मग्न नजर आते हैं
बच्चों के ये गुण बड़ों को लुभाते हैं
पर मजदूरी की मार में, बच्चों के ये गुण कहीं खो जाते हैं

  • बचपन बचा लो, राष्ट्र का भविष्य सजा लो
    उन्हें उनका सही स्थान दिला दो।।
  • अपने बच्चों की उफ भी ना सह सकते हो
    उन मासूमों का क्या जिनके आह को तुम अनदेखा कर देते हो।।
  • नन्हें कदम जिनमें अभी नहीं है अकेले चलने का दम
    उन कदमों में मजदूरी की बेड़ियों का ना डालना बंधन।।
  • निगाहें इनकी कल के सुनहरे सपने संजोती है
    साँसों में इनके है जज्बा भरा
    इन्हें मौका तो दो जरा होगा भविष्य पर एहसान तेरा।।

ये बच्चे हैं भविष्य भावी कल के
इनकी भी होगी पहचान आगे चल के
ना बनना ग्रहण इनके बचपन के।।.

नन्हें-नन्हें बादशाह हैं ये

ना करवाना दासता इनसे।।

  • इनके जड़ों का ना कटने देना
    इनके मासूमियत की जगह मायूसी को ना लेने देना
    मजबूरी में मजदूरी कर इनके बचपन को ना तड़पने देना।।
  • मजबूर हैं, बच्चे हैं पर ये किसी के मजदूर नहीं
    भविष्य इनका भी उज्ज्वल होगा
    गर समाज इनके प्रति भी थोड़ा संवेदनशील होगा।।
  • जज्बातों को इनके जो लोग समझे जरा
    फिर कभी कोई बच्चा ना दिखेगा श्रमिक की तरह।।
  • बालश्रम एक संगीन अपराध है
    इसके दोषी समाज में एक श्राप हैं।।
  • बालश्रम पर रोक लगाओ
    उन्हें उनका हक दिलाओ।।

बचपन है हंसने-खेलने और चैन की नींद सोने के लिए
ना छीनना इनसे लाचारी और थकान के आँसू रोने के लिए।