रोमांटिक लव गजल हिन्दी में – Best Love Romantic Gazals in Hindi
रोमांटिक लव गजल हिन्दी में – Best Love Romantic Gazals in Hindi
- तू दिल का हाल, हर इक से छुपा सके तो छुपा
पर आँखों-आँखों में.. मुझको बता सके तो बता
तू अपने हुस्न पर पहरे लगा सके तो लगा
मेरी निगाह से खुद को बचा सके तो बचा
मैं क्या कहूं कि तुझे इख्तियार है, मुझको
मिटा सके तो मिटा और बना सके तो बना
फिर आज ख्वाहिशें बादाकशी उठी दिल में
मुझे निगाह से अपनी पिला सके तो पिला
मैं बार-बार तेरे जेहनो दिल में उभरूंगा
तू मेरी याद से दामन बचा सके तो बचा
मेरा क्या मैं ने तो रिश्ता बना लिया दिल का
ये तेरी मर्ज़ी है इसको निभा सके तो निभा
फकीरे शेह्र हूं कुछ तुझको दे नहीं सकता
किसी अमीर से तू दिल लगा सके तो लगा
रहूंगा होश में तो ‘राज़’ फ़ाश कर दूँगा
हवासो होश को मेरे उड़ा सके तो उड़ा
– बिलाल ‘राज़’
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· “”सफ़र की शुरुआत””
वो आगे चल रहे थे मेरे, मैं उनके पीछे था
एक बार पलट कर वो नजरें मिलाई मुझसे
फिर कभी न निगाहों ने मेरी तरफ करवट ली,,
ना जाने सफ़र की शुरुआत थी या ख़त्म हो रही कहानी थी?
बात कर रही थी सहेलियों से वो, नाम मेरा भी आ गया,
अंजानी पुकार थी ये, या उसके किस्सों में शामिल मेरी भी कहानी थी?
पगडंडियों का रास्ता था लंबी दूरी जानी थी,
कबतक चलना है साथ उनके इस बात से अंजान था मैं,
पर हवा की रफ़्तार आज बड़ी सुहानी थी,
ना जाने सफ़र की शुरुआत थी या ख़त्म हो रही कहानी थी?
रास्ते में गन्ने के खेतों ने उन्हें ललचाया बहुत था,
छिल जायेंगे होंठ तुम्हारे मैंने उन्हें समझाया बहुत था,
जख्म थे गहरे होठों पर उनके,
और मैं रूमालों से सहलाते हुए समझाया बहुत था।
ना जाने सफ़र की शुरुआत थी या ख़त्म हो रही कहानी थी?
आगे नदिया देख उनके सहेलियों ने नहाने को उकसाया बहुत था,
लग जायेगी सर्द तुम्हें , मैंने ये बात उन्हें बतलाया बहुत था,
थरथराते होठों को देख मैं घबराया बहुत था,
फिर जलाई आग सामने उनके और मन ही मन सीने से उन्हें लगाया बहुत था,
ना जाने सफ़र की शुरुआत थी, या ख़त्म हो रही कहानी थी?
– हिमांशु शर्मा हेमू
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Ye barish ki boonde
Ye barish ki boonde aaj mujhse kuch keh rahi hai
Inki tip-tip me mujhey Teri khamosi sunai de rahi hai
Mayus tha me ki tu mere pyar ka ikrar kyu nhi krti hai
Lekin aaj ye boonde tere pyar ka ijhar mujhse kr rahi hai
Mere khat ka koi jwab tuney na diya
Lekin fir bhi dil-ae-naadan ne Teri un sari gustakhiyo KO nazar andaaz kr diya
Ab Rona bnd kr or muskura de
Ab iss barish KO bnd hone ki ijjajat de
AGR yuhi behte rhe Teri aankoh se aansu toh sehlab aa jayega
Or tera ye deewana Teri muskurahat ki chaht me barbaad ho jayega
– Ashu Tomar
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