Beti Bachao Poems in Hindi – बेटी बचाओ पर कविता
बेटी बचाओ कविता – Beti Bachao Poem In Hindi
- बेटी है जग का आधार
जब माँ हीं जग में न होगी
तो तुम जन्म किससे पाओगे ?……..
जब बहन न होगी घर के आंगन में
तो किससे रुठोगे, किसे मनाओगे ?………
जब दादी-नानी न होगी
तो तुम्हें कहानी कौन सुनाएगा ?…
जब कोई स्वप्न सुन्दरी हीं न होगी
तो तुम किससे ब्याह रचाओगे ?……
जब घर में बेटी हीं न होगी
तो तुम किस पर लाड लुटाओगे ?…..
जिस दुनिया में स्त्री हीं न होगी
उस दुनिया में तुम कैसे रह पाओगे ?……
जब तेरे घर में बहु हीं न होगी
तो कैसे वंश आगे बढ़ाओगे ?…..
नारी के बिन जग सूना है
तुम ये बात कब समझ पाओगे ?….
– अभिषेक मिश्र ( Abhi )
- Beti Bachao Beti Padhao Poem
- जमाने की ये कहानी
कहती है एक लड़की जमाने की ये कहानी
जन्म लड़की का मिला है यही है उसकी नादानी
सभी कहते है ये उससे तेरी मुस्कान बड़ी सुदंर
मगर ये रीत कैसी है वो बाहर हसँ नही सकती।
है वो सपनो की दुनिया मे है चाहत चाँद छूने की
जमाने की ये हरकतें है बेड़ी उसकी राह की
कुछ कहते हैं, लड़की है कहाँ जायेगी ये अकेली
कोई कहता है दुनिया है नही बाहर निकलने की।
कोई कहता संभल चलना तू इज्जत है दो घरो की
घर वाले सभी कहते राजकुमारी है हमारी
कोई कहता के नाजुक सी कली मेरे घरौदे की
मगर ये है कली कैसी जो कभी खिल नही सकती।
– Kratika Sharma
- बेटी बचाओ
कहती है बेटी हमें निहार
मुझे चाहिए प्यार दुलार।
बेटियों को क्यों
प्यार नहीं करता संसार।
सोचिये सभी क्या बेटी बिना
बन सकता है घर परिवार।
बचपन से लेके जवानी तक
मुझ पर लटक रहा तलवार।
मेरे दर्द और वेदना का
कब होगा स्थाई उपचार।
बढ़ते पानी में मैं बह गई
कौन करेगा नदी के पार।
मैं बेटी माता भी मैं हूँ
मैं ही दुर्गा काली अवतार।
मेरे प्यार में सभी सुखी हैं
मेरे बिना धरती अंधियार।
बेटी की दर्द और वेदना का
कब होगा स्थाई उपचार।
– कोमल यादव
खरसिया,रायगढ़(छ0ग0)
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बेटा-बेटी सभी पढ़ेंगे
नानी वाली कथा-कहानी, अब के जग में हुई पुरानी।
बेटी-युग के नए दौर की, आओ लिख लें नई कहानी।
बेटी-युग में बेटा-बेटी,
सभी पढ़ेंगे, सभी बढ़ेंगे।
फौलादी ले नेक इरादे,
खुद अपना इतिहास गढ़ेंगे।
देश पढ़ेगा, देश बढ़ेगा, दौड़ेगी अब, तरुण जवानी।
बेटी-युग के नए दौर की, आओ लिख लें नई कहानी।
बेटा शिक्षित, आधी शिक्षा,
बेटी शिक्षित पूरी शिक्षा।
हमने सोचा, मनन करो तुम,
सोचो समझो करो समीक्षा।
सारा जग शिक्षामय करना,हमने सोचा मन में ठानी।
बेटी-युग के नए दौर की, आओ लिख लें नई कहानी।
अब कोई ना अनपढ़ होगा,
सबके हाथों पुस्तक होगी।
ज्ञान-गंग की पावन धारा,
सबके आँगन तक पहुँचेगी।
पुस्तक और पैन की शक्ति,जगजाहिर जानी पहचानी।
बेटी-युग के नए दौर की, आओ लिख लें नई कहानी।
बेटी-युग सम्मान-पर्व है,
ज्ञान-पर्व है, दान-पर्व है।
सब सबका सम्मान करे तो,
जीवन का उत्थान-पर्व है।
सोने की चिड़िया बोली है, बेटी-युग की हवा सुहानी।
बेटी-युग के नए दौर की, आओ लिख लें नई कहानी।
– आनन्द विश्वास
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बेटी है अनमोल रत्न
पहले किसी थी जब बेटी होती थी
तो माँ और दादी दोनों थी रोती
बेटी है अनमोल रत्न सबको ये समझाना है
बेटी को बचाना है बेटी को पढ़ाना है
कल्पना चावला थी उड़न परी
चुनौतियों से वह नहीं डरी
बेटी है बेटों से बढ़कर जन-जन को बतलाना है
बेटी को बचाना है ……………….
साक्षी मालिक है भारत की शान
कहते है सब लेडी सुल्तान
आपकी लाडो ने भी आपका जग मैं नाम चमकाना है
बेटी को बचाना है…………………………
सच कहता है गुरदीप यारो
बेटिओं को तुम ना मारो
बेटी तो है घर की लक्ष्मी
बेटी का न कत्ल करना है
बेटी को बचाना है बेटी को पढ़ाना है
Writen by Gurdeep singh
अनमोल बेटियां
पापा की लाडली, माँ का वात्सल्य होती हैं बेटियां ।
अपनों की शुभकामनाएं, परिवार की पावन दुआएं होती हैं बेटियां ।
ओस की एक बूंद होती हैं बेटियां, स्पर्श खुदरा हो, तो रोती है बेटियां
बहुत खुशनुमा, चंचल, नादान सी होती हैं बेटियां।
कभी हंस्ती है, कभी रोती हैं बेटियां ।
बङी मासूम होती हैं बेटियां ।
जिनमें खुद भगवान बसता,ऐसी वंदनाएँ होती हैं बेटियां ।
त्याग, तप, गुण धर्म, साहस की गौरव गाथाएँ होती हैं बेटियां ।
दुर्दिनों के दौर में, परिवार की संवेदनाएँ होती हैं बेटियां ।
दुःख-दर्द में मुस्कराकर पीर हरती,ऐसी जादू की छड़ी होती हैं बेटियां । खुद कांटो की राह पर चलकर औरों के लिए फूल बनती हैं बेटियां । बेटा अगर हीरा, तो मोती होती हैं बेटियां ।
रोशन करता है बेटा एक कुल को,तो दो-दो कुल की लाज होती हैं बेटियां । बाबुल की लाडली, माँ की दुलारी होती हैं बेटियां ।
घर महक उठता है जब मुस्कुराती है बेटियां ।
घर लगता है सूना- सूना जब ससुराल जाती हैं बेटियां ।
काजल, मेहंदी, बिंदिया और सिंदूर यह सारे श्रृंगार होती हैं बेटियां । हर घर की खुशी, मानव का अस्तित्व होती हैं बेटियां ।
सृष्टि की रचियता, वंश का आधार होती हैं बेटियां ।
रहमत से भरपूर खुदा की नेमत है बेटियां ।
यह हम नहीं कहतें, यह तो कहता है भगवान,
जब वो बहुत खुश होता है तभी जन्म लेती हैं बेटियां ।
– रामचन्द्र स्वामी अध्यापक बीकानेर से राजस्थान मोबाइल नं 9414510329
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