देश प्रेम पर कविता – Desh Prem Par Kavita
Desh Prem Par Kavita
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देश प्रेम पर कविता – Desh Prem Par Kavita
- एक दिन ही सही शहादतों के नाम कर लेना
मिले कभी भारत माता तो उन्हें प्रणाम कर लेना
भगत राजगुरु और आजाद जैसा काम कर लेना
गरीबों में पैसा ना सही शिक्षा ही दान कर लेना
और करनी हो जब मांग किसी से
देश में अमन और चैन की मांग कर लेना
रहे न हिंदू मुस्लिम और सिख इसाई यों में भेदभाव
दिवाली को ईद और क्रिसमस को रमजान कर लेना
एक दिन ही सही शहादतों के नाम कर लेना
मिले कभी भारत माता तो उन्हें प्रणाम कर लेना
अंबेडकर फुले और सरस्वती जैसे जीवन समाज हित में दान कर लेना
विवेकानंद को आदर्श तो कलाम को सलाम कर लेना
मां बहन और बेटी जैसी ही हर नारी का सम्मान कर लेना
लहराता रहे तिरंगा सदा आसमान में खुद को लक्ष्मीबाई के समान कर लेना
बनी रहे नारी संस्कृतियों की सदा संपदा भारत माता जैसा अपना परिधान कर लेना
एक दिन ही सही शहादतों के नाम कर लेना
मिले कभी भारत माता तो उन्हें प्रणाम कर लेना
हो जाए जब क्रोध हा भी उस दिन बाबू को याद कर लेना
मदर टेरेसा जैसा निर्मल हृदय और स्वभाव शांत कर लेना
बनी रहे मातृभाषा की शान हमेशा नाम को हिंदी और हिंदी को हिंदुस्तान कर लेना
देश में सुख-समृद्धि का आह्वान कर लेना
अपने कर्तव्यों का भली-भांति निर्वहन कर लेना
और इस आजादी के खातिर वंदे मातरम वंदे मातरम का गुणगान कर लेना
एक ही सही शहादतों के नाम कर ले ना मिले कभी भारत माता तो उन्हें प्रणाम कर लेना
– युवा कवियत्री ज्योति दोहरे दिनकर -
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