dhanteras puja vidhi in hindi language धनतेरस पूजा विधि इन हिंदी
Dhanteras Puja Vidhi in Hindi Language Dhanteras Puja Kaise Kare Vidhi
- कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस मनाया जाता है. धनतेरस के दिन लोग सोने-चांदी के जेवर, सिक्के, या अन्य तरह के बर्तन आदि सामान खरीदते हैं. धनतेरस के दिन महालक्ष्मी के स्थिर स्वरूप की पूजा की जाती है. धनेरस के दिन यमराज को प्रसन्न करने के लिए घर के मुख्य दरवाजे के बाहर दीपक जलाया जाता है. इस दिन लोग भगवान धन्वन्तरि की भी पूजा करते हैं.
- आइए जानते हैं धनतेरस के दिन आपको क्या-क्या करना चाहिए :
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धनतेरस के दिन शाम के समय मिट्टी के दीये में तिल या सरसों का तेल भरकर उसमें बत्ती डालकर, दीये को घर के मुख्य दरवाजे के बाहर जलाएँ.
- दीपक जलते समय यह मंत्र पढ़ें :
मृत्युना पाशदण्डाभ्यां कालेन च मया सह।
त्रयोदश्यां दीपदानात सूर्यज: प्रीयतामिति॥
- दीपक में सिक्का और कौड़ी भी डालना चाहिए.
- धनतेरस को धनत्रयोदशी भी कहते हैं.
- धनतेरस के दिन निम्न चीजें खरीदना शुभ माना जाता है :
चांदी के लक्ष्मी-गणेश का सिक्का या मूर्ति
भगवान कुबेर की प्रतिमा
लक्ष्मी यंत्र या श्री यंत्र
बर्तन
- भगवान धन्वन्तरी की पूजा विधि :
- पहले भगवन धन्वन्तरी का चित्र स्थापित कीजिये.
- फिर तांबे की आचमनी से जल से आचमन कीजिए.
- अब भगवान गणेश का ध्यान और पूजा कीजिए.
- फिर हाथ में अक्षत-फूल लेकर भगवान धन्वन्तरी का इस मंत्र से ध्यान कीजिए.
- देवान कृशान सुरसंघनि पीडितांगान
दृष्ट्वा दयालुर मृतं विपरीतु कामः
पायोधि मंथन विधौ प्रकटौ भवधो
धन्वन्तरि: स भगवानवतात सदा नः
ॐ धन्वन्तरि देवाय नमः
- फिर इस मंत्र से अक्षत फूल चढ़ाइए.
ध्यानार्थे अक्षत पुष्पाणि समर्पयामि… - 3 बार जल छिड़कें और यह मंत्र बोलें
मंत्र : पाद्यं अर्घ्यं आचमनीयं समर्पयामि. - भगवान धन्वंतरि को जल से स्नान कराइए.
मंत्र : स्नानार्थे जलं समर्पयामि
- फिर पंचामृत से स्नान कराइए.
ॐ धनवन्तरायै नमः, पंचामृत स्नानार्थे पंचामृत समर्पयामि ||
- फिर जल से स्नान कराइए.
मंत्र : पंचामृत स्नानान्ते शुद्धोधक स्नानं समर्पयामि ||
- अब इत्र छिड़किये.
मंत्र : सुवासितं इत्रं समर्पयामि
- फिर वस्त्र या मौली चढ़ाइए.
मंत्र : वस्त्रं समर्पयामि
- अब रोली या लाल चंदन से तिलक कीजिये.
- मंत्र : गन्धं समर्पयामि ( इत्र चढ़ाइए )
- मंत्र : अक्षतान् समर्पयामि ( चावल चढ़ाइए )
- Mantra : पुष्पं समर्पयामि ( फूल चढ़ाइए )
- मंत्र : धूपम आघ्रापयामि ( अगरबत्ती जलाइए )
- मंत्र : दीपकं दर्शयामि ( दीपक दिखाइए )
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Mantra : नैवेद्यं निवेद्यामि ( प्रसाद चढ़ाइए, प्रसाद चढ़ाने के बाद जल छिड़किये. )
- मंत्र : ऋतुफलं समर्पयामि ( फल चढ़ाइए )
- मंत्र : ताम्बूलं समर्पयामि ( लौंग-इलाइची चढ़ाइए )
- Mnatra : दक्षिणा समर्पयामि ( अगर आपने चांदी या सोने के सिक्के अगर खरीदें हैं तो उन्हें चढ़ाएं या फिर घर में रखे रुपए-पैसे चढ़ाइए.
- मंत्र : कर्पूर नीराजनं दर्शयामि ( कपूर जलाकर आरती करें )
- अब भगवान धन्वन्तरी से इस मंत्र से क्षमा मांगें :
आवाहनम न जानामि न जानामि विसर्जनम, पूजाम चैव ना जानामि क्षमस्व परमेश्वर: |
मंत्रहीनम क्रियाहीनम भक्तिहीनम सुरेश्वर, यत्पूजितं मयादेव परिपूर्ण तदस्तु में ||
मंत्र बोलने में दिक्कत हो तो हिंदी में बोलें :
हे भगवान धन्वन्तरी, जाने अनजाने में अगर मुझसे कोई गलती हो गई हो तो मुझे क्षमा करें,
मेरी पूजा स्वीकार कर कीजिये. मुझ पर और मेरे परिवार पर सदा कृपा दृष्टि रखें| - श्री लक्ष्मी चालीसा – Laxmi Chalisa in Hindi Pdf Language
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