दोस्ती निभाने की शायरी – Dosti Nibhane Ki Shayari in Hindi
दोस्ती निभाने की शायरी – Dosti Nibhane Ki Shayari in Hindi
- बन्दे नहीं ये फ़रिश्ते से लगते है
खुशकिस्मत हैं ऐसी बन्दगी मिली
लोग ज़िन्दगी में ‘दोस्त’ ढूंढते हैं
हमें दोस्तों में ‘ज़िन्दगी’ मिली
- ये पल कल गुनगुनाएंगे
मीठी यादें छोड़ जाएंगे
पड़ जाओ अकेले तो याद करना
हम दोस्त बनकर गले लगाएंगे
- ये लम्हे किसी दिन अफ़साने बनेंगे
कुछ नए कुछ पुराने बनेंगे
हम रहेंगे हमेशा दोस्त बनकर
चाहे कितने भी चाहनेवाले मिलेंगे
- दोस्ती हम निभाते रहेंगे
यूँ ही आपको हंसाते रहेंगे
मिलने का सिलसिला न हो अगर
तो हम खाबो में आते रहेंगे
- ये पल सुहाने याद आएंगे
कल के लम्हों में खो जाएंगे
मिलोगे कहीं किसी मोड़ पर
हम हमेशा हँसकर गले लगाएंगे
- कुछ इनायत खुदा ने मुझपे भी की हैं
यूँ ही नहीं फरिश्तों को भेजा है दोस्ती निभाने
- ये बेवजह रूठना-मनाना
चुप रहके नाराज़गी जताना
रखना सबकुछ बरक़रार यू हीं
शिकायतों का उसूल है दोस्ती में रहना
- ये दोस्ती नहीं, नेमत है खुदा की
एहसास जैसे तेज धूप में हवा की
तुमसे ही है बरक़्क़त सारी
तुमसे ही है रौनकें फ़िज़ा की
- दोस्त साथ हों तो हर सफर आसान है
दोस्त साथ हों तो हिम्मत के निशान हैं
हो पथरीला या कँटीला हो रास्ता,
दोस्त साथ हों तो हर डगर आसान है
- चलो अपनी दोस्ती हम पक्की करते हैं
भूल-गलतियां ज़रा सी कच्ची करते हैं
ज़िन्दगी के इम्तेहां इंतेज़ार में हैं
चलो साथ मिलकर तरक़्क़ी करते हैं
- कुछ रिश्ते खुदा ने बनाए हैं
कुछ रिश्ते दिल ने निभाए हैं
कुछ यादें दोस्ती की तुम समेट लो
कुछ लम्हें हमने सजाए हैं
- रिश्तों का वजूद निभाने से बनता है
जब दिल, दिल की सुनता है
कुछ रिश्तों को खुदा चुनता है
पर ‘दोस्तों’ को दिल चुनता है
- ये पल कल किस्से बनेंगे
खुशियों के ठिकाने बनेंगे
ना मिले हर रोज़ तो ग़म नहीं
जब भी मिलेंगे हंस के मिलेंगे
- ज़िन्दगी में दर्द संग ही होते
कुछ दर्द कुछ ग़म भी होते
दोस्तों की इनायत हमे मिली थी
वरना तन्हा हम भी होते
- खुदा को मालूम था दुश्मन बहुत हमारे हैं
वो आ गया ज़मीं पर दोस्ती निभाने हमसे
- ना हमदर्द, ना हमसफ़र ही बने हैं
किस्मत के खाली हिस्से किसी ने भरे हैं
अपनों की चाहत अब नहीं
आप जैसे दोस्त जो मिले हैं
- सुना है टूटते तारों से फरियाद सब करते हैं
पलकें बन्द करके ‘काश’ सब कहते हैं
शिद्दत से की मोहब्बत जिसने भी
वक़्त गवाह है वो मुद्दत के बाद मिलते हैं
- दोस्त अंधेरों में ख़ाब जैसे हैं
सूखी ज़मीं में बरसात जैसे हैं
वो ढूंढ लाएंगे हंसने के बहाने
दोस्त रौनकों के एहसास जैसे हैं
- दोस्त हैं तो खुदा है साथ में
हंसने की वजह है साथ में
हो रात चाहे कितनी अंधेरी,
दोस्त हैं तो सुबह है साथ में।
- दोस्त हैं तो हौसला भी है
दोस्त हैं तो रोशनी भी है
दोस्त हैं तो है मुश्किलें आसाँ
दोस्त हैं तो ज़िन्दगी भी है.