Durga 108 Names in Hindi text – माँ दुर्गा के 108 नाम – दुर्गा अष्टोत्तर शतनाम
माँ दुर्गा के 108 नाम Durga 108 Names in Hindi text 9 roop nav rup maa mata
- शंकरजी पार्वतीजी से कहते हैं- कमलानने! अब मैं अष्टोत्तरशत ( 108 ) नाम का वर्णन करता हूँ, सुनो; जिसके प्रसाद ( पाठ या श्रवण ) मात्र से परम साध्वी भगवती दुर्गा प्रसन्न हो जाती हैं॥1॥
- सती (दक्ष की बेटी), साध्वी (आशावादी), भवप्रीता (भगवान् शिव पर प्रीति रखने वाली), भवानी (ब्रह्मांड की निवास), भवमोचनी (संसारबंधनों से मुक्त करने वाली), आर्या, दुर्गा, जया, आद्य (शुरुआत की वास्तविकता), त्रिनेत्र (तीन आँखों वाली), शूलधारिणी, पिनाकधारिणी (शिव का त्रिशूल धारण करने वाली), चित्रा (सुरम्य), चण्डघण्टा (प्रचण्ड स्वर से घण्टानाद करने वाली), महातपा: (भारी तपस्या करने वाली), मन: (मनन-शक्ति), बुद्धि: (बोधशक्ति), अहंकारी (अहंताका आश्रय), चित्तरूपा (वह जो सोच की अवस्था में है), चिता, चिति: (चेतना), सर्वमन्त्रमयी, सत्ता (सत्-स्वरूपा, जो सब से ऊपर है), सत्यानन्दस्वरूपिणी (अनन्त आनंद का रुप), अनन्ता (जिनके स्वरूप का कहीं अन्त नहीं), भाविनी (सबको उत्पन्न करने वाली, ख़ूबसूरत औरत), भाव्या (भावना एवं ध्यान करने योग्य), भव्या (कल्याणरूपा, भव्यता के साथ), अभव्या (जिससे बढकर भव्य कुछ नहीं), सदागति (हमेशा गति में, मोक्ष दान), शाम्भवी (शिवप्रिया, शंभू की पत्नी), देवमाता, चिन्ता, रत्नप्रिया (गहने से प्यार), सर्वविद्या (ज्ञान का निवास), दक्षकन्या (दक्ष की बेटी), दक्षयज्ञविनाशिनी, अपर्णा (तपस्या के समय पत्ते को भी न खाने वाली), अनेकवर्णा (अनेक रंगों वाली), पाटला (लाल रंग वाली), पाटलावती (गुलाब के फूल या लाल परिधान या फूल धारण करने वाली), पट्टाम्बरपरीधाना (रेशमी वस्त्र पहनने वाली), कलमञ्जररञ्जिनी (मधुर ध्वनि करने वाले मञ्जीर/पायल को धारण करके प्रसन्न रहने वाली), अमेयविक्रमा (असीम पराक्रमवाली), क्रूरा (दैत्यों के प्रति कठोर), सुन्दरी, सुरसुन्दरी, वनदुर्गा, मातङ्गी, मतङ्गमुनिपूजिता, ब्राह्मी, माहेश्वरी, इंद्री, कौमारी, वैष्णवी, चामुण्डा, वाराही, लक्ष्मी:, पुरुषाकृति: (वह जो पुस्र्ष का रूप ले ले), विमला (आनन्द प्रदान करने वाली), उत्कर्षिणी, ज्ञाना, क्रिया, नित्या, बुद्धिदा, बहुला, बहुलप्रेमा, सर्ववाहनवाहना, निशुम्भशुम्भहननी, महिषासुरमर्दिनि, मधुकैटभहंत्री, चण्डमुण्डविनाशिनि, सर्वासुरविनाशा, सर्वदानवघातिनी, सर्वशास्त्रमयी, सत्या, सर्वास्त्रधारिणी, अनेकशस्त्रहस्ता, अनेकास्त्रधारिणी, कुमारी, एककन्या, कैशोरी, युवती, यति, अप्रौढा (जो कभी पुराना ना हो), प्रौढा (जो पुराना है), वृद्धमाता, बलप्रदा, महोदरी, मुक्तकेशी, घोररूपा, महाबला, अग्निज्वाला, रौद्रमुखी, कालरात्रि:, तपस्विनी, नारायणी, भद्रकाली, विष्णुमाया, जलोदरी, शिवदूती, करली, अनन्ता (विनाशरहिता), परमेश्वरी, कात्यायनी, सावित्री, प्रत्यक्षा, ब्रह्मवादिनी ॥ 2-15 ॥
- देवी पार्वती! जो प्रतिदिन दुर्गाजी के इस अष्टोत्तरशतनाम का पाठ करता है, उसके लिये तीनों लोकों में कुछ भी असाध्य नहीं है ॥ 16 ॥ वह धन, धान्य, पुत्र, स्त्री, घोडा, हाथी, धर्म आदि चार पुरुषार्थ तथा अन्त में सनातन मुक्ति भी प्राप्त कर लेता है ॥ 17 ॥ कुमारी का पूजन और देवी सुरेश्वरी का ध्यान करके पराभक्ति के साथ उनका पूजन करे, फिर अष्टोत्तरशत नाम का पाठ आरम्भ करे ॥ 18 ॥ देवि! जो ऐसा करता है, उसे सब श्रेष्ठ देवताओं से भी सिद्धि प्राप्त होती है। राजा उसके दास हो जाते हैं। वह राज्यलक्ष्मी को प्राप्त कर लेता है ॥ 19 ॥ गोरोचन, लाक्षा, कुङ्कुम, सिन्दूर, कपूर, घी (अथवा दूध), चीनी और मधु- इन वस्तुओं को एकत्र करके इनसे विधिपूर्वक यन्त्र लिखकर जो विधिज्ञ पुरुष सदा उस यन्त्र को धारण करता है, वह शिव के तुल्य (मोक्षरूप) हो जाता है ॥ 20 ॥ भौमवती अमावास्या की आधी रात में, जब चन्द्रमा शतभिषा नक्षत्र पर हों, उस समय इस स्तोत्र को लिखकर जो इसका पाठ करता है, वह सम्पत्तिशाली होता है ॥ 21 ॥
- सती : अग्नि में जल कर भी जीवित होने वाली
- साध्वी : आशावादी
- भवप्रीता : भगवान् शिव पर प्रीति रखने वाली
- भवानी : ब्रह्मांड की निवास
- भवमोचनी : संसार बंधनों से मुक्त करने वाली
- आर्या : देवी
- दुर्गा : अपराजेय
- जया : विजयी
- आद्य : शुरूआत की वास्तविकता
- त्रिनेत्र : तीन आँखों वाली
- शूलधारिणी : शूल धारण करने वाली
- पिनाकधारिणी : शिव का त्रिशूल धारण करने वाली
- चित्रा : सुरम्य, सुंदर
- चण्डघण्टा : प्रचण्ड स्वर से घण्टा नाद करने वाली, घंटे की आवाज निकालने वाली
- महातपा : भारी तपस्या करने वाली
- मन : मनन- शक्ति
- बुद्धि : सर्वज्ञाता
- अहंकारा : अभिमान करने वाली
- चित्तरूपा : वह जो सोच की अवस्था में है
- चिता : मृत्युशय्या
- चिति : चेतना
- सर्वमन्त्रमयी : सभी मंत्रों का ज्ञान रखने वाली
- सत्ता : सत्-स्वरूपा, जो सब से ऊपर है
- सत्यानन्दस्वरूपिणी : अनन्त आनंद का रूप
- अनन्ता : जिनके स्वरूप का कहीं अन्त नहीं
- भाविनी : सबको उत्पन्न करने वाली, खूबसूरत औरत
- भाव्या : भावना एवं ध्यान करने योग्य
- भव्या : कल्याणरूपा, भव्यता के साथ
- अभव्या : जिससे बढ़कर भव्य कुछ नहीं
- सदागति : हमेशा गति में, मोक्ष दान
- शाम्भवी : शिवप्रिया, शंभू की पत्नी
- देवमाता : देवगण की माता
- चिन्ता : चिन्ता
- रत्नप्रिया : गहने से प्यार
- सर्वविद्या : ज्ञान का निवास
- दक्षकन्या : दक्ष की बेटी
- दक्षयज्ञविनाशिनी : दक्ष के यज्ञ को रोकने वाली
- अपर्णा : तपस्या के समय पत्ते को भी न खाने वाली
- अनेकवर्णा : अनेक रंगों वाली
- पाटला : लाल रंग वाली
- पाटलावती : गुलाब के फूल या लाल परिधान या फूल धारण करने वाली
- पट्टाम्बरपरीधाना : रेशमी वस्त्र पहनने वाली
- कलामंजीरारंजिनी : पायल को धारण करके प्रसन्न रहने वाली
- अमेय : जिसकी कोई सीमा नहीं
- विक्रमा : असीम पराक्रमी
- क्रूरा : दैत्यों के प्रति कठोर
- सुन्दरी : सुंदर रूप वाली
- सुरसुन्दरी : अत्यंत सुंदर
- वनदुर्गा : जंगलों की देवी
- मातंगी : मतंगा की देवी
- मातंगमुनिपूजिता : बाबा मतंगा द्वारा पूजनीय
- ब्राह्मी : भगवान ब्रह्मा की शक्ति
- माहेश्वरी : प्रभु शिव की शक्ति
- इंद्री : इन्द्र की शक्ति
- कौमारी : किशोरी
- वैष्णवी : अजेय
- चामुण्डा : चंड और मुंड का नाश करने वाली
- वाराही : वराह पर सवार होने वाली
- लक्ष्मी : सौभाग्य की देवी
- पुरुषाकृति : वह जो पुरुष धारण कर ले
- विमिलौत्त्कार्शिनी : आनन्द प्रदान करने वाली
- ज्ञाना : ज्ञान से भरी हुई
- क्रिया : हर कार्य में होने वाली
- नित्या : अनन्त
- बुद्धिदा : ज्ञान देने वाली
- बहुला : विभिन्न रूपों वाली
- बहुलप्रेमा : सर्व प्रिय
- सर्ववाहनवाहना : सभी वाहन पर विराजमान होने वाली
- निशुम्भशुम्भहननी : शुम्भ, निशुम्भ का वध करने वाली
- महिषासुरमर्दिनि : महिषासुर का वध करने वाली
- मधुकैटभहंत्री : मधु व कैटभ का नाश करने वाली
- चण्डमुण्ड विनाशिनि : चंड और मुंड का नाश करने वाली
- सर्वासुरविनाशा : सभी राक्षसों का नाश करने वाली
- सर्वदानवघातिनी : संहार के लिए शक्ति रखने वाली
- सर्वशास्त्रमयी : सभी सिद्धांतों में निपुण
- सत्या : सच्चाई
- सर्वास्त्रधारिणी : सभी हथियारों धारण करने वाली
- अनेकशस्त्रहस्ता : हाथों में कई हथियार धारण करने वाली
- अनेकास्त्रधारिणी : अनेक हथियारों को धारण करने वाली
- कुमारी : सुंदर किशोरी
- एककन्या : कन्या
- कैशोरी : जवान लड़की
- युवती : नारी
- यति : तपस्वी
- अप्रौढा : जो कभी पुराना ना हो
- प्रौढा : जो पुराना है
- वृद्धमाता : शिथिल
- बलप्रदा : शक्ति देने वाली
- महोदरी : ब्रह्मांड को संभालने वाली
- मुक्तकेशी : खुले बाल वाली
- घोररूपा : एक भयंकर दृष्टिकोण वाली
- महाबला : अपार शक्ति वाली
- अग्निज्वाला : मार्मिक आग की तरह
- रौद्रमुखी : विध्वंसक रुद्र की तरह भयंकर चेहरा
- कालरात्रि : काले रंग वाली
- तपस्विनी : तपस्या में लगे हुए
- नारायणी : भगवान नारायण की विनाशकारी रूप
- भद्रकाली : काली का भयंकर रूप
- विष्णुमाया : भगवान विष्णु का जादू
- जलोदरी : ब्रह्मांड में निवास करने वाली
- शिवदूती : भगवान शिव की राजदूत
- करली : हिंसक
- अनन्ता : विनाश रहित
- परमेश्वरी : प्रथम देवी
- कात्यायनी : ऋषि कात्यायन द्वारा पूजनीय
- सावित्री : सूर्य की बेटी
- प्रत्यक्षा : वास्तविक
- ब्रह्मवादिनी : वर्तमान में हर जगह वास करने वाली
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