हिंदी दिवस पर भाषण – Hindi Diwas Speech in Hindi Bhashan Aur Jankari & Essay :

हिंदी दिवस पर भाषण – Hindi Diwas Speech in Hindi Bhashan Aur Jankari & Essayहिंदी दिवस पर भाषण - Hindi Diwas Speech in Hindi Bhashan Aur Jankari & Essay

हिंदी दिवस पर भाषण – Hindi Diwas Speech in Hindi Bhashan Aur Jankari & Essay

  • हिंदी दिवस
  • हिंदी दिवस 14 सितम्बर को प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है. हिंदी भारत की राजभाषा है. 14 सितम्बर 1949 को ही संविधान सभा ने यह निर्णय लिया था की हिंदी भारत की राजभाषा होगी. यही कारण है की हिंदी दिवस मनाने के लिए इस दिन को उपयुक्त समझा गया और राजभाषा हिंदी के महत्व को जनमानस तक पहुचाने के लिए प्रत्येक वर्ष हिंदी दिवस मनाया जाता है. इस दिन देश भर में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. स्कूल, कॉलेज, दफ्तरों में हिंदी के प्रयोग, हिंदी में निबंध, वाद-विवाद, हिंदी लेखन के अनेक प्रतियोगिताएं आयोजित की जातीं हैं.
  • आजादी के समय भारत छोटे-छोटे रियासतों में बटा हुआ था. आजादी के बाद संविधान सभा का गठन भारत का संविधान बनाने के लिए किया गया. अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों के बीच राजभाषा का मुद्दा भी एक अहम मुद्दा था. चूँकि भारत एक विशाल देश हैं, यहाँ सैंकड़ों भाषाएँ बोली जाति है, विभिन्न क्षेत्रों के लोगों की संस्कृति और भाषाएँ अलग-अलग थी, ऐसे में किसी एक भाषा को भारत की राजभाषा के रूप में स्थापित करना संभव नहीं था, परन्तु 1918 में हिंदी साहित्य सभा में गाँधी जी ने कहा था की हिंदी भारतीय जनमानस की भाषा है, और हिंदी को आज़ाद भारत की राजभाषा बनाने को कहा था, इसलिए संविधान सभा ने बहुत विचार विमर्श के बाद हिंदी को भारत की राजभाषा के रूप में चुना. गैर हिंदी भाषी क्षेत्रों के प्रतिनिधियों के सुझाव पर हिंदी के अतिरिक्त अंग्रेजी को भी राजभाषा का दर्जा मिला है.
  • अंग्रेजी आजादी के समय सरकारी विभागों की मुख्य भाषा थी, और अंग्रेजी को भी राजभाषा का दर्जा मिलने के कारण हिंदी का प्रयोग हमेशा से सिमित ही रहा, इसी को ध्यान में रखते हुए राजभाषा प्रचार समिति, वर्धा के अनुरोध पर हिंदी दिवस मनाने की शुरुवात हुई. आज हिंदी के कई प्रसंशक और प्रेमी हिंदी दिवस को निरर्थक और खोखला भी मानते हैं, उनका मत है की हिंदी इतनी कमजोर नहीं हैं की इसके लिए हिंदी दिवस की जरुरत हो. हिंदी दिवस की आलोचना करने वालों और इसका समर्थन करने वालों की कोई कमी नहीं है. जो लोग हिंदी दिवस दिवस का समर्थन करते हैं, उनके अनुसार हिंदी दिवस हिंदी भाषा के महत्व को रेखांकित करने और हिंदी भाषा की महानता का उत्सव मनाने का एक मौका है.
  • Hindi Bhasha Ka Mahatva: भारत जैसे विशाल और बहुसांस्कृतिक और बहुभाषी राष्ट्र में एक राष्ट्र भाषा होना तो तार्किक भी नहीं लगता, परन्तु इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता की देश की एक राजभाषा होने के अपने फायदे भी है, इससे लोगों के बिच एक जुडाव बढ़ता है. भाषा के एकीकरण से सांस्कृतिक भिन्नता को समझने और भिन्नताओं के बिच भी एकता का एक माहौल बनता है. राजभाषा हिंदी को बढ़ावा देने के लिए और कदम उठाने की जरुरत है, लेकिन इसे किसी पर थोपा नहीं जाना चाहिए. हिंदी के प्रचार प्रसार के लिए गैर हिंदी भाषी राज्यों में हिंदी को एक ऐच्छिक भाषा के रूप में स्कूल सिलेबस में जोड़ने की जरुरत है, तब ही हिंदी सही मायने में भारत की राजभाषा बन पायेगी. हिंदी दिवस राजभाषा हिंदी को बढ़ावा देना का एक अच्छा मौका तो है ही, इसकी महानता का उत्साह मनाने का एक अवसार भी है. तो आप भी इस हिंदी दिवस गर्व से हिंदी का जश्न मनाएं, विभिन्न कार्यक्रमों का लुफ्त उठायें. hindi pakhwada भी हमारे यहाँ मनाया जाता है.
  • हिंदी हैं हम, वतन है हिन्दुस्तान हमारा.

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