Hindi Poem On Maa Ki Mamta – माँ की ममता
Maa Ki Mamta Poem in Hindi
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माँ की ममता
- माँ की ममता ईश्वर का वरदान है
सच पूछो तो माँ, इन्सान नहीं भगवान है
माँ के चरणों में जन्नत का हर रूप होता है
माँ में हीं ईश्वर का हर स्वरूप होता है
माँ, जो हर बच्चे के दिल की चाह होती है
मुसीबत में एक नई राह होती है
जो हर किसी के करीब नहीं होती
जो हर किसी को नसीब नहीं होती
माँ की एहमियत उनसे पूछो जिनकी माँ नहीं होती है
जो हर बच्चे की जान होती है
जो हर रिश्ते का मान होती है
सभी का एक मात्र अरमान होती है
हर किसी को माँ की ममता मिले, अपनी माँ से
कभी कोई न बिछड़े अपनी माँ से
यही है मेरी एक मात्र दुआ उस खुदा से
जिनकी माँ हो, उसे क्या पता कि माँ क्या होती है
माँ को जानना है तो उनसे पूछो जिनकी माँ नहीं होती है
A Poem by – नमिता कुमारी ( एम. ए. प्रथम वर्ष )
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- माँ
जिंदगी की कड़ी धूप मे छाया मुझ पे किये
खड़ी रहती है सदा माँ मेरे लिये
माँ के आँचल मे आकर हर दुख भूल जाँऊ
हाथ रखे जो सर पे चैन से मै सो जाऊँ
वो जाने मुझे मुझसे ज्यादा वो चाहे मुझे सबसे ज्यादा
मेरी हर खुशी को मुझे देने के लिये
खड़ी रहती है सदा माँ मेरे लिये
हर चोट का माँ है इकलौता मरहम
गोद मे उसकी सर रखके मिट जाये सारे गम
जिंदगी की हर घड़ी मे साथ उसका है जरूरी
माँ के साथ बिना हर खुशी है अधूरी
इस दुनिया के काँटो को फूल बनाये हुऐ
खड़ी रहती है सदा माँ मेरे लिये।
kratika sharma from anoopshahr - maa ki mamta ishvar ka vardan hai
sach puchho to maa, insan nahi bhagawan hai
maa ke charno mein jannat ka har roop hota hai
maa mein hi ishvar ka har swroop hota hai
maa, jo har bachche ke dil ki chah hoti hai
musibat mein ek nayi rah hoti hai
jo har kisi ke karib nahi hoti
jo har kisi ko naseeb nahi hoti
maa ki ehamiyat unse puchho jinaki maa nahi hoti hai
jo har bachche ki jan hoti hai
jo har rishte ka man hoti hai
sabhi ka ek matra araman hoti hai
har kisi ko maa kee mamta mile, apani maa se
kabhi koi na bichhade apani maa se
yahi hai meri ek matra dua us khuda se
jinaki maa ho, use kya pata ki maa kya hoti hai
maa ko janna hai to unase puchho jinaki maa nahi hoti hai – Namita Kumari (M. A. first year)
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