प्यार पर 2 बेहतरीन कविताएँ Love Poem in Hindi for girlfriend gf bf wife lover :

Love Poem in Hindi For Girlfriend – प्रेम कविता / प्यार का नया सिलसिला
Love Poem in Hindi For Girlfriend

gf ke liye kavita

  • प्यार का नया सिलसिला
  • तुम्हारे लिए ख्वाबों की एक दुनिया सजाई है मैंने
    मेरे ख्वाबों की दुनिया में तुम आओ तो सही……………….
    न जाने तुम अब तक क्यों मुझसे दूर हो
    छोड़ कर सबकुछ मेरी बाहों में समा जाओ तो सही……………….
    मैं तो हक से तुम्हें पुकारता हीं हूँ
    अब तुम भी हक से मुझे बुलाओ तो सही……………….
    बहुत सह ली हमने दूरियाँ
    अब मुलाकातों का एक सिलसिला चलाओ तो सही……………….
    मैंने तो तुम्हें अपना सबकुछ मान लिया है
    अब तुम भी मेरे बन जाओ तो सही……………….
    जैसे हमारी नजरों से बातें हुई थी
    फिर उसी तरह मुझसे नजरें मिलाओ तो सही……………….
    मेरा वजूद तो तुममें हीं समा गया है
    तुम भी मेरे वजूद का हिस्सा बन जाओ तो सही……………….
    जहाँ हम पहली बार मिले थे
    फिर वहीं मुझसे मिलने आओ तो सही……………….
    मैंने तो दूरियाँ मिटाने के सब जतन कर लिए
    अब तुम भी करीब आ जाओ तो सही……………….
    खुद की नजर से तो रोज देखा है तुमने खुद को
    कभी मेरी नजरों में खुद को देखो तो सही……………….
    माना प्यार की दुश्मन है दुनिया
    पर प्यार में दुनिया को झुकाओ तो सही ……………….
    प्यार में जो कभी किसी ने नहीं किया हो
    प्यार में कुछ ऐसा कर जाओ तो सही……………….

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  • मेरी परी
    जब से तुमने मेरा हाथ थामा, मेरी जिंदगी हीं बदल गई
    ख्वाबों ने लिया हकीकत का रूप, और तुम मेरी बन गई……………….
    मुझे मुझसे भी ज्यादा जानने लगी हो तुम
    मुझे मुझसे भी ज्यादा चाहने लगी हो तुम……………….
    सूने दिल को खुशियों से भर दिया है तुमने
    मेरे रास्ते के काँटों को पलकों से चुन लिया है तुमने……………….
    बड़ी मुश्किलों से मैंने पाया है तुम्हें
    बड़े जतन से मैंने दुनिया से चुराया है तुम्हें……………….
    चलो अब उम्र भर के लिए एक-दूसरे के हो जायें हम-तुम
    प्यार के आगोश में सदा के लिए खो जायें हम-तुम ……………….
    कोई और न हमारे बीच आ सके अब कभी कोई
    चलो इस रिश्ते को इतना मजबूत बनाएँ हम-तुम……………….

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  • फिर चन्द गुफ्तगू संग तेरे जरूरी सी हो जाती है …
    जब खुद की खुद से ही दूरी सी हो जाती है ..
    फिर चन्द गुफ्तगू संग तेरे जरूरी सी हो जाती है …
    फिर चन्द गुफ्तगू संग तेरे जरूरी सी हो जाती है…
    जब हाल मेरा मुझ से ही सवाल करने लगता है ,
    मेरे दिमाग का दिल भी फिर बवाल करने लगता है ,
    तेरे बिना कहानी मेरी जब अधूरी सी हो जाती है…
    फिर चन्द गुफ्तगू संग तेरे जरूरी सी हो जाती है …..
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    खुद की ही नजरो में जब मैं आवारा सा हो जाता हूँ ,
    तन्हाई के दरिया में जब बेसहारा सा हो जाता हूँ ,
    तेरी बातों की बैशाखी का सहारा मेरी मजबूरी सी हो जाती है…
    फिर चन्द गुफ्तगू…..
    इस दुनिया से दूर कहीं जब और ही खोया रहता हूँ ,
    होती नींद नही आंखों में फिर भी सोया रहता हूँ,
    जब सुंदर ख्वाबों की भी मगरूरी सी हो जाती है..
    फिर चंद गुफ्तगू संग तेरे जरूरी सी हो जाती है..
     
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    न जाने क्यों कभी कभी तेरी कमी खलने लगती है ,
    बस अहम की कर्कश अग्नि में दोस्ती अपनी जलने लगती है ,
    फिर तेरे हर सितम की भी जी हुजूरी सी हो जाती है..
    फिर चंद गुफ्तगू संग तेरे जरूरी सी हो जाती है…..
     
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