महात्मा गांधी का जीवन परिचय – Mahatma Gandhi Biography in Hindi :

  • Mahatma Gandhi Biography in Hindi – महात्मा गांधी का जीवन परिचय
    Mahatma Gandhi Biography in Hindi - महात्मा गांधी का जीवन परिचय  

महात्मा गांधी का जीवन परिचय – Mahatma Gandhi Biography in Hindi

  • महात्मा गाँधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था.
  • महात्मा गाँधी का पूरा नाम मोहनदास करमचन्द गांधी था.
  • गाँधी जी भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक प्रमुख राजनैतिक नेता थे.
  • इनके पिता का नाम करमचन्द गान्धी था.
  • इनकी माँ का नाम पुतलीबाई था.
  • 14 वर्ष की उम्र में उनका विवाह कस्तूरबा माखनजी से हुआ.
  • गान्धी जी के चार पुत्र थे: हरीलाल, मणिलाल, रामदास और देवदास.
  • पोरबंदर में उन्होंने प्रारम्भिक शिक्षा पाई और राजकोट से हाई स्कूल की पढ़ाई की.
  • 1888 में गान्धी जी यूनिवर्सिटी कॉलेज लन्दन में कानून की पढ़ाई करने इंग्लैंड चले गये.
  • इंग्लैंड और वेल्स बार एसोसिएशन के बुलावे पर वे भारत लौट आए.
  • बम्बई में वकालत करने में उन्हें कोई खास सफलता नहीं मिली.
  • 1893 में एक वर्ष के करार पर उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में वकालत करना स्वीकार कर लिया.
  • दक्षिण अफ्रीका में गान्धी जी को भेदभाव का सामना करना पड़ा.
  • उन्हें प्रथम श्रेणी कोच की वैध टिकट होने के बाद भी तीसरी श्रेणी के डिब्बे में जाने के लिए मजबूर किया गया. और उनके जाने से इंकार करने के बाद उन्हें ट्रेन से बाहर फेंक दिया गया.
  • 1915 में गांधीजी दक्षिण अफ्रीका से भारत लौट आए.
  • गोपाल कृष्ण गोखले गांधीजी के राजनितिक गुरु थे.
  • गांधी की पहली बड़ी उपलब्धि 1918 में चम्पारन और खेड़ा सत्याग्रह, आंदोलन में मिली.
  • दिसम्बर 1921 में गांधी जी को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस.का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया.
  • गांधी जी ने लोगों को प्रतिदिन सूत कातने में समय बिताने के लिए कहा.
  • गांधी जी ने लोगों से अंग्रेजों की शैक्षणिक संस्थाओं और सरकारी नौकरियों को छोड़ने का तथा सरकार से प्राप्त सम्मान को वापस लौटाने का भी अनुरोध किया.
  • असहयोग आंदोलन को लोगों का अपार सहयोग मिला. फरवरी 1922 में चौरी-चोरा, उत्तरप्रदेश में हुए हिंसा के कारण गांधीजी ने इस आंदोलन को बीच में हीं बंद कर दिया.
  • 10 मार्च, 1922, को गांधी जी को गिरफ्तार कर लिया गया.
  • फरवरी 1924 में आंतों के ऑपरेशन के लिए रिहा कर दिया गया.
  • दिसम्बर 1928 में गांधी जी ने कलकत्ता में आयोजित कांग्रेस के एक अधिवेशन में एक प्रस्ताव रखा जिसमें भारत को आजाद करने की मांग रखी, ऐसा न करने पर अंग्रेजों को असहयोग आंदोलन का सामना करने की चेतावनी दी.
  • इसके बाद गांधी जी ने मार्च 1930 में नमक पर कर लगाए जाने के विरोध में नमक सत्याग्रह चलाया. हजारों की संख्‍या में भारतीयों ने इसमें भाग लिया. भारत में अंग्रेजों की पकड़ को विचलित करने वाला यह सबसे सफल आंदोलन था.
  • लार्ड एडवर्ड इरविन ने गांधी जी के साथ विचार विमर्श करने का निर्णय लिया. यह इरविन गांधी की संधि मार्च 1931 में हस्ताक्षर किए थे.
  • सविनय अवज्ञा आंदोलन को बंद करने के लिए ब्रिटिश सरकार ने सभी राजनैतिक कैदियों को रिहा करने के लिए अपनी रजामंदी दे दी. इस समझौते के परिणामस्वरूप गांधी को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के एकमात्र प्रतिनिधि के रूप में लंदन में आयोजित होने वाले गोलमेज सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया. लेकिन यह सम्मेलन असफल रहा.
  • लार्ड विलिंगटन, ने राष्‍ट्रवादियों के आंदोलन को नियंत्रित एवं कुचलने का एक नया अभियान आरंभ कर दिया. गांधी फिर से गिरफ्तार कर लिए गए.
  • 1938 में कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुने गए सुभाषचन्द्र बोस के साथ गांधी जी के मतभेद थे. बोस ने गांधी जी की आलोचना के बावजूद दूसरी बार जीत हासिल की. लेकिन दोनों के बीच मतभेदों के कारण अंत में सुभाषचंद्र बोस को कांग्रेस छोड़ना पड़ा.
  • द्वितीय विश्व युद्ध में गांधी जी ने अंग्रेजों को अहिंसात्मक नैतिक सहयोग देने का फैसला लिया किंतु दूसरे कांग्रेस के नेताओं ने युद्ध में जनता के प्रतिनिधियों के परामर्श लिए बिना इसमें एकतरफा शामिल किए जाने का विरोध किया.
  • भारत छोड़ो आंदोलन सर्वाधिक शक्तिशाली आंदोलन बन गया जिसमें व्यापक हिंसा और गिरफ्तारी हुई. हजारों की संख्‍या में स्वतंत्रता सेनानी मारे गए और हजारो घायल हो गए और हजारों गिरफ्तार कर लिए गए.
  • गांधी जी और अन्य स्वतन्त्रता सेनानियों को अंग्रेजों द्वारा 9 अगस्त 1942 को गिरफ्तार कर लिया गया.
  • अंग्रेजों द्वारा भारत छोड़ो आंदोलन के निष्‍ठुर दमन ने 1942 के अंत तक भारत को संगठित कर दिया. और इसके बाद जल्द हीं भारत को आजादी मिल गई.
  • 30 January 1948 को गांधी जी की गोली मारकर हत्या कर दी गई.
  • हर साल गाँधी जी के जन्मदिवस को अन्तर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप मनाया जाता है.

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