Mera Bharat Mahan Essay in Hindi Language – मेरा भारत महान निबन्ध
Mera Bharat Mahan Essay in Hindi मेरा भारत महान निबन्ध
- प्रस्तावना ——, हमारा भारत वह देश है जहां राम, कृष्ण आदि देवताओं ने भी आकर जन्म लिया तथा इस भूमि को गौरवान्वित किया. अनेक महान विभूतियों ने इस धरा पर जन्म लेकर इसके गौरव का प्रसार किया. अनेक धर्म, संस्कृति, भाषा आदि होने पर भी हमारा भारत अनेकता में एकता का प्रतीक है जो इसकी महानता को बयां करता है.
महान विभूतियों का जन्म-—— यहां की धरती पर विवेकानंद जैसे महान विभूति का जन्म हुआ. जिन्होंने अल्प आयु में ही पूरे विश्व को भारत की संस्कृति व सभ्यता का परिचय कराया. तथा इसके अलावा महाराणा प्रताप, पृथ्वीराज चौहान, लक्ष्मीबाई, बुद्ध महावीर, कबीर, गांधी, भगत सिंह, जवाहरलाल नेहरु आदि महान विभूतियों का जन्म हुआ जो भारत के गौरव कहलाये .
- अनेकता में एकता—— भारत में हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध आदि अनेक धर्म के लोग तथा अनेक जातियों के लोग एक साथ रहते हैं. तथा उनके द्वारा राष्ट्रभाषा हिंदी के अतिरिक्त मराठी, पंजाबी, कन्नड़, गुजराती, तेलुगु आदि अनेक भाषा बोली जाती है. तथा सभी धर्मों के लोग अपने-अपने पर्व दीपावली, ईद, क्रिसमस आदि सभी एक साथ मनाते हुए अनेकता में एकता का परिचय देते हैं. यह पन्थ निरपेक्ष देश कहलाता है .
भौगोलिक व प्राकृतिक सुंदरता—— यहां की प्राकृतिक सुंदरता बड़ी ही मनोहर है. जहां एक और स्वर्ग के रूप में कश्मीर है तो दूसरी ओर सागर की सुंदरता लिए दक्षिण भारत, संसार की सबसे ऊंची चोटी भी भारत में ही है. तथा यहां की रमणीय स्थान पहाड़ घाटी समुद्र तट सुंदर नदियां दिवालय आदि अति रोमांचकारी है. जिसे देखने के लिए विदेशों से लाखों सैलानी प्रतिवर्ष यहां आते हैं. यहां की सुंदरता विश्व प्रसिद्ध है .
लोकतांत्रिक देश—— भारत एक लोकतांत्रिक देश है जहां सभी स्वतंत्र हैं तथा जनता का जनता द्वारा जनता के लिए शासन किया जाता है. यहां का वंदे मातरम राष्ट्रीय गीत है तथा जन गण मन राष्ट्रगान के रुप में गाया जाता है. राष्ट्रीय पक्षी मोर तथा पशु बाघ है तथा राष्ट्रपति का चिन्ह तुला है जो न्याय का प्रतीक है. .15 अगस्त 1947 को देश स्वतंत्रत हुआ तथा 26 जनवरी 1950 को देश गणतंत्र हुआ. जिसे गणतंत्रता दिवस के रूप में प्रति वर्ष राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाया जाता है।
- संस्कृति, सभ्यता तथा दिलों की उदारता——– अनेक विदेशी विद्वान यहां की संस्कृति और सभ्यता को देखने के लिए आए तथा इससे प्रभावित होकर अनेक पुस्तकों की भी रचना की. जिसमें भारत की महान संस्कृति और सभ्यता का परिचय मिलता है. भारत के लोग दिल के बड़े दयालु और उदार होते हैं. यहां के लोग विदेशियों को अतिथि देवो भव मान कर उनका उचित सत्कार करते हैं. भारत की संस्कृति और सभ्यता पूरे विश्व में सबसे ऊंची है तथा विश्व की सभी संस्कृतियों की जननी है।
उपसंहार—— हमारे भारत देश में बेसहारे को भी सहारा मिलता है तथा प्रत्येक व्यक्ति के हृदय में एक दूसरे के प्रति प्रेम तथा करुणा विद्यमान है. यहां का कण-कण पावन है हमें गर्व है कि हमने भारत में जन्म लिया है. सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा हम बुलबुले हैं इसकी यह गुलसिंता हमारा.
– कंचन पाण्डेय ( उत्तर प्रदेश )
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