Meri Pyari Maa Poem in Hindi – मेरी प्यारी माँ कविता Maa Ke Liye Kavita :

Meri Pyari Maa Poem in Hindi – मेरी प्यारी माँ कविता Maa Ke Liye Kavita
Meri Pyari Maa Poem in Hindi Language

मेरी प्यारी माँ कविता Meri Pyari Maa Poem in Hindi Language

  • मेरी प्यारी माँ

  • हे माँ तू कितनी महान है
    सारे जहाँ में तू हीं इनसान है
    तू धूप, तू छाँव, तू पाताल, तू ही आसमान है
    हे माँ तू कितनी महान है
    माँ के आँचल में सब रंग हैं
    माँ तेरे होने पर सब खुशियाँ मेरे संग हैं
    माँ   तू  जाती जब हमको छोड़कर
    लगता हमको धूमिल अपनी शान है
    हे माँ तू कितनी महान है।।
    माँ तू है तो सारा जहान है
    तेरे बिना बच्चों का जीवन वीरान है
    माँ तेरे बिना हम जी सकते नहीं
    बड़े होकर भी चल सकते नहीं
    माँ जब तू होती दूर, तो निकल जाती जान है
    हे माँ तू कितनी महान है
    हे माँ तू कितनी महान है।।।
    – Rajeev Kumar Lucknow UP
  • ***हे माँ तू कहां गई***

    हे माँ  तू कहां गई है, मेरी माँ तू कहां गई है
    माँ तेरी ममता, तेरी यादें मेरे साथ हैं
    देखूँ तुझे जब स्वप्न में भी
    बस अब आंसुओं की बरसात है।
    माँ की मुस्कराहट मोहब्बत की पहचान है।
    माँ के चरण पड़े थे जिस मिट्टी पे,
    उस मिट्टी पे अब माँ की यादें है
    हे माँ तू कहां गई है माँ तू……।।
    जब मैं रोता था तू चुप कराती थी
    मैं हँसता था तू हंसाती थी।
    जब भूखा था  तो तू खिलाती थी
    आज रोता हूँ आज हँसता हूँ
    आज भूख लगी लेकिन तू नहीं आई
    बस तेरी याद आ गई
    हे माँ तू कहां गई है माँ तू……।।
    कल मैं जागा तो देखा माँ आ गई
    मैं रोया, तो रोते हुए मेरे पास आ गई।
    मैं बोला माँ उसका क्या वजूद है
    जिसकी माँ उसके घर मौजूद नहीं है।
    माँ तेरी महिमा अमर महान हुई
    तेरे आंसुओं की तो अमृत से पहचान हुई।
    हे माँ तू कहां गई है हे माँ तू…..
    कल पूछा किसी ने, तेरी माँ कहां है ?
    मैं रो पड़ा और बोला, हाँ मेरी माँ कहां है ?
    तभी देखी उसकी तस्वीर दीवार पे जड़ी है
    मैं रोया फूटकर तो देखा माँ मेरे पीछे आ खड़ी है।
    माँ बोली, मेरे लाल अब मैं नहीं हूँ….
    अब बस मैं तेरी यादों में हूँ…. बस तेरी यादों में हूँ
    हे माँ तू कहां गई है माँ तू कहां गई।।।।
    – Rajeev Kumar Lucknow UP

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