Motivational Poems in Hindi about success for students – मोटिवेशनल कविता
Inspirational Poems
- फिर सुबह को आना है
- तू युद्ध कर
- तुम वीर हो यूँ ना अधीर हो
- Motivational Kavita हे वीर पुरुष
- बढ़े चलो, बढ़े चलो
-
Motivational Poems in Hindi for Students on Success
– तू युद्ध कर - माना हालात प्रतिकूल हैं, रास्तों पर बिछे शूल हैं
रिश्तों पे जम गई धूल है
पर तू खुद अपना अवरोध न बन
तू उठ…… खुद अपनी राह बना………………………..
माना सूरज अँधेरे में खो गया है……
पर रात अभी हुई नहीं, यह तो प्रभात की बेला है
तेरे संग है उम्मीदें, किसने कहा तू अकेला है
तू खुद अपना विहान बन, तू खुद अपना विधान बन………………………..
सत्य की जीत हीं तेरा लक्ष्य हो
अपने मन का धीरज, तू कभी न खो
रण छोड़ने वाले होते हैं कायर
तू तो परमवीर है, तू युद्ध कर – तू युद्ध कर………………………..
इस युद्ध भूमि पर, तू अपनी विजयगाथा लिख
जीतकर के ये जंग, तू बन जा वीर अमिट
तू खुद सर्व समर्थ है, वीरता से जीने का हीं कुछ अर्थ है
तू दूसरों की प्रेरणा बन, दूसरों को प्रेरित कर
क्योंकि उत्साह के बिना जीवन व्यर्थ है
तू युद्ध कर – बस युद्ध कर………………………..
– अभिषेक मिश्र ( Abhi )
-
An Hindi Inspirational Poem
– हे वीर पुरुषहे वीर पुरुष, पुरुषार्थ करो
तुम अपना मान बढ़ाओ न …….
अपनी इच्छा शक्ति के बल पर
उनको जवाब दे आओ न ………………………..
वे वीर पुरुष होते हीं नहीं
जो दूजों को तड़पाते हैं
वे वीर पुरुष होते सच्चे
जो दूजों का मान बढ़ाते हैं………………………..
इतनी जल्दी थक जाओ नहीं
चलना तुमको अभी कोसों है
पांडव तो अब भी पाँच हीं हैं
पर कौरव अब भी सौ-सौ हैं………………………..
– विद्या वैभव भरद्वाज
-
Tu Hi Hai Apna Arjun Self Motivation Poem
- तू ही है अपना अर्जुन,
हाथ में लिए शस्त्र खड़ा।
हिम्मत तेरी है तेरा कृष्ण,
रही रथ को तेरे दौड़ा।
खुद चुन कर अपना भविष्य
आगे तुझे बढ़ना ही होगा
उठ, उठा अपना गांडीव,
आज तुझे लड़ना ही होगा।
क्यों डर गया तू देख कर,
ये गहरा तम जो है छाया
याद रख बस इतना तू,
उगते सूरज को नहीं कोई रोक पाया
छीन कर अपनी किस्मत का मोती,
अपने शूल में जड़ना ही होगा।
उठ, उठा अपना गांडीव,
आज तुझे लड़ना ही होगा।
तुझ पर क्या छाएँगी मुश्किलें
कि मुश्किल पर ही छा जा तू
मोड़ दे रुख तूफानों का
हर चट्टान से टकरा जा तू
मिटाने को ये निविड़ अंधेरा
खुद तुझे जलना ही होगा
उठ, उठा अपना गांडीव,
आज तुझे लड़ना ही होगा।
– अंशु प्रिया ( Anshu Priya )
-
Motiovational by famous Poets
– बढ़े चलो, बढ़े चलोन हाथ एक शस्त्र हो,
न हाथ एक अस्त्र हो,
न अन्न वीर वस्त्र हो,
हटो नहीं, डरो नहीं, बढ़े चलो, बढ़े चलो ।
रहे समक्ष हिम-शिखर,
तुम्हारा प्रण उठे निखर,
भले ही जाए जन बिखर,
रुको नहीं, झुको नहीं, बढ़े चलो, बढ़े चलो ।
घटा घिरी अटूट हो,
अधर में कालकूट हो,
वही सुधा का घूंट हो,
जिये चलो, मरे चलो, बढ़े चलो, बढ़े चलो ।
गगन उगलता आग हो,
छिड़ा मरण का राग हो,
लहू का अपने फाग हो,
अड़ो वहीं, गड़ो वहीं, बढ़े चलो, बढ़े चलो ।
चलो नई मिसाल हो,
जलो नई मिसाल हो,
बढो़ नया कमाल हो,
झुको नही, रूको नही, बढ़े चलो, बढ़े चलो ।
अशेष रक्त तोल दो,
स्वतंत्रता का मोल दो,
कड़ी युगों की खोल दो,
डरो नही, मरो नहीं, बढ़े चलो, बढ़े चलो ।
– सोहनलाल द्विवेदी
-
Tum Veer Ho Motivational Poem
– तुम वीर हो यूँ ना अधीर हो - मजबूत हों गर तेरे इरादे
कैसी भी हो मुश्किल की दीवार
कर सकोगे तुम पार
तुम वीर हो यूँ ना अधीर हो !!
संघर्ष तो जीवन का हिस्सा है
अधूरा इसके बिन हर किस्सा है
चुनौतियों को स्वीकारो तुम
ऐसै हौसला ना हारो तुम
तुम वीर हो यूँ ना अधीर हो !!
अपने जज्बातों को ना होने दो भारी
उठा लो इस हालात को बदलने की जिम्मेवारी
तुम चाहो तो सब मुमकिन हो सकता
वक्त वीरता का परीक्षण लेता है
सफल या असफल होना तुम पर निर्भर करता है
तुम वीर हो यूँ ना अधीर हो !!
एक-एक तुम्हारा पल आज निर्धारित करेगा
जो अभी ना संभल सके, तो हरेक पल भारी पड़ेगा
कर लो खुद को तैयार, थाम लो अपनी पतवार
ना रोक सकेगा तुम्हें यह मझधार
हिम्मत है दुनिया का सबसे प्रबल हथियार
तुम वीर हो यूँ ना अधीर हो !!
है आज जो ये तुफान, कर रहा तुम्हें परेशान
कठिन लग रहा इस क्षण जो इसका समाधान
हावी हो रहा मन-मस्तिष्क में;
तुम्हारे ये आशंकित डर, है चिता समान
कायरों की भांति ना करो स्वयं को समर्पित
यह है एक जंग का मैदान
तुम वीर हो यूँ ना अधीर हो !!
अथाह शक्ति भरी है तुम्हारे अन्दर
नहीं हो तुम कोई लाचार
तुम पर टीका है भविष्य का भार
होकर एकाग्र सदा करना अपने शत्रु पर वार
निश्चित ही गूंजेगी हर दिशा, उस दिन
तुम्हारे सफलता की जय-जयकार
तुम वीर हो यूँ ना अधीर हो !!
– ज्योति सिंहदेव
-
Fir Subah Ko Aana Hai Motivational Poems
– फिर सुबह को आना है
हाँ, रात होगी आज फिर,
फिर सुबह को आना भी है
हाँ, अंधेरा होगा आज फिर,
फिर रोशनी को समाना भी है
फिर कुछ ठोकर रास्ते में होंगे
फिर सम्भलने का हुनर कमाना भी है
फिर कंटीले रास्तों से होकर
कोई मुक़ाम पाना भी है
आज रोने के मौके हैं बेशक
कल फिर मुस्कुराना भी है
आज उदासी के कारण मिले हैं
कल हंसने का बहाना भी है
पंख टूट जाने का गम ना कर
आसमां ने छोड़ा तो क्या?
अभी जमीं का सहारा भी है
खुद हर जगह खुदा नहीं है
हर ठोकर में किसी ने संभाला भी है
गिरने से डरना नहीं, हर चोट सीख देगा तुझे
बस भरोसा कर खुद पर, सवेरा ढूंढ लेगा तुझे
– Jaya Pandey - तुम सपनों में आकर – Love Poems in Hindi For The One You Love
- Veer Tum Badhe Chalo Poem – वीर तुम बढ़े चलो कविता veer tum badhe chalo
.