मेरे प्रिय शिक्षक – My Favourite Teacher Essay in Hindi Mere Priya Shikshak Nibandh :

मेरे प्रिय शिक्षक – My Favourite Teacher Essay in Hindi
मेरे प्रिय शिक्षक - My Favourite Teacher Essay in Hindi Mere Priya Shikshak Nibandh

मेरे प्रिय शिक्षक – My Favourite Teacher Essay in Hindi Mere Priya Shikshak Nibandh

  • गुरु गोबिंद दोउ खड़े, काको लागू पाँय।
    बलिहारी गुरु आपनो, गोबिंद दियो बताय।।
  • कबीरदास का यह दोहा शिक्षक के महत्व को दर्शाता है। एक शिक्षक किसी शिक्षार्थी के लिए ईश्वर से भी उच्च महत्व रखता है, क्योंकि, ईश्वर तक पहुचंने का रास्ता गुरु ही दर्शाता है। ईश्वर ने मनुष्य को रचा है, किन्तु उसे मनुष्यता शिक्षक सिखाता है। ईश्वर द्वारा बनाए गए मनुष्य में त्रुटियां होती हैं, गुरु उन्हीं त्रुटियों को ढूंढ कर निकलता है। कबीरदास ने इसे इन शब्दों में दर्शाया है:-
  • “गुरु कुम्हार शिष्य कुम्भ है, गढ़ि – गढ़ि काढ़े खोट,

    अन्तर हाथ सहार दे, बाहर – बाहर चोट । ’’

  • मेरे प्रिय अध्यापक श्री राम कुमार हैं। वे हिंदी के अध्यापक हैं। यूँ तो मेरे सभी अध्यापक अपने विषय के ज्ञाता तथा विद्वान हैं, किन्तु मुझे श्री राम कुमार जी इसलिए विशेष पसन्द हैं कि वह हमें साहित्य के साथ, व्यवहारिक जीवन तथा नैतिकता का भी ज्ञान देते हैं। यही नहीं वह जो भी ज्ञान देते हैं, वो व्यवहारिक होता है, तथा वह स्वयं भी उसका अक्षरशः पालन करते हैं। वह स्वयं भी अनुशासित रहते हैं, तथा पूरी कक्षा को भी अनुशासित रहते हैं। कक्षा में सभी उनके डर से नहीं उनके सम्मान में सदैव शांत रहते और कभी भी शोर नहीं करते। वह सभी से प्रेमपूर्वक तथा ससम्मान बात करते हैं। यदि कभी किसी को डांट भी देते हैं, तो तुरंत उसके उपरांत उसे उसकी गलती समझाते हैं तथा शांत मन से उसे उसका दुष्परिणाम भी समझाते हैं। वह सदैव समय से कक्षा में आते हैं । वह सभी की जिज्ञासा का धैर्यपूर्वक उत्तर देते हैं तथा कभी भी किसी के सवाल पूछने पे क्रोधित नहीं होते। उनके पढाने का तरीका भी काफी सुरुचिपूर्ण है। वह बच्चों से संवाद स्थापित करते हुए पढ़ाते हैं।
    मेरे लिए वह मेरे जीवन के प्रेरणास्त्रोत हैं। उन्होंने मुझे अपने परिवार, देश तथा समाज के प्रति अपने कर्तव्यों का बोध कराया है। मेरे व्यक्तित्व का एक बड़ा हिस्सा उनके द्वारा निर्मित है। मैं उनका कृतज्ञ हूँ तथा उनके चरणों में कोटिश्च नमन करता हूँ।
    -अंशु प्रिया ( Anshu priya)
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