21 नवरात्रि शायरी – Navratri Shayari in Hindi font wishes with images quotes :

नवरात्रि शायरी – Navratri Shayari in Hindi
Navratri Shayari in Hindi font wishes with images quotes

21 नवरात्रि शायरी – Navratri Shayari in Hindi font wishes with images quotes

  • माता अब नौ दिन नहीं साल भर तेरी जरूरत है
    एक नहीं हज़ार सूरत के अंदर महिषासुर की सूरत है।
  • तुमसे जी भर कर मांगूंगी मुरादें माता,
    माँ से माँगने में शर्म कैसी????
  • अंधेरे भरे जीवन में भर देगी नूर,
    माँ आई है, तो बच्चों को कुछ तो देगी जरूर।
  • तुम दिल से पुकारो तो सही,
    माँ है वो, दौड़ी चली आती है।
  • तुम्हारे हर गुनाह की उसके पास माफी है,
    उस माँ के सामने हर फ़रियाद सुनी जाती है
  • आंखों में उसके ममता भरी है,
    जगतमाता आज भक्तों के बीच उतरी है।
  • जीवन को सबके शुद्ध करती है
    ममता से माता सबके दुख हरती है।
  • तुम ध्यान से सुनो तो सही,
    माँ नौ दिन ही नहीं हर रोज तुम्हे बुलाती है।
  • उसके चरणों में श्रद्धा से चढ़ाए फूल ही बहुत हैं,
    जीवन सफल करने को माता के चरणों की धूल ही बहुत है।
  • सर झुका दिया है अपना माता तेरे चरण में,
    दुख हर लो सारे माता, ले लो अपनी शरण में।
  • जग से सताया हुआ जब भी कोई आया माँ के दरबार,
    माँ ने हर लिए सारे दुख, भर डाला खुशियों का भंडार।
  • नौ दिन ही नहीं जीवन भर माता,
    करो मेरे हृदय में निवास।
  • दूर करो अज्ञान अंधेरा माता,
    फैला दो ज्ञान प्रकाश।
  • शक्ति स्वरूपा माता मेरे आत्मा पर दृष्टि डालो,
    मेरे अंदर के महिषासुर का तुम मर्दन कर डालो।
  • आशीर्वाद दे माता मुझको सदा तेरे गुण गाउँ,
    अंत काल को माता तेरे ही चरणों में लीन हो जाऊं।
  • साल भर के सारे दुख हरने आई है,

    माता अपने भक्तों के अवगुण चुनने आई है।

  • हम हैं अज्ञानी माता फिर भी बच्चे हैं तुम्हारे,
    आ कर दर्शन दे जाओ माता, तेरे बच्चे तुझे पुकारे।
  • नौ दिन तक भक्तों सभी काम हो दूजा,
    दिन दुखियों की हो सेवा पहले और माता की पूजा।
  • क्या अमीर क्या गरीब सभी यहाँ झोली फैलाते हैं,
    कोई भेद नही दरबार में माँ के, सब साथ में सर झुकाते हैं।
  • बिन बुलाए भी जाऊँगी बार बार तेरी चौखट पे माँ,
    माँ का घर कभी पराया नहीं होता।
  • शक्तिस्वरूपा माता तेरा सदा हृदय में निवास हो,
    शांति पाए हृदय मेरा, सभी संकटों का नाश हो।
    -अंशु प्रिया (anshu priya)

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