भाई बहन पर कविता – Poem on Brother and Sister in Hindi
Bhai Bahan Kavita
- भाई-बहन
- भाई-बहन के प्यार का बंधन होता है बड़ा अनूठा
चाहे लाख मुसीबतें आएँ, ये रिश्ता कभी न टूटा
बहन माँ की तरह भाई पर ममता लुटाती है
भाई भी हर कष्ट सहकर अपनी बहन पर जान लुटाता है
कभी मीठी नोकझोंक होती है दोनों के बीच
तो कभी दोनों एक-दूसरे की ताकत बन जाते हैं
कभी छोटी-छोटी चीजों के लिए लड़ते थे जो
एक-दूसरे के लिए बड़ी-बड़ी कुर्बानियाँ दे जाते हैं वो
राखी और भाईदूज इस रिश्ते को फिर संवार जाते हैं
दिल की नजदीकियों के आगे दूरियों को मिटा जाते हैं
भाई-बहन दोनों बिन कहे एक-दूसरे की बात समझ जाते हैं
बहन के हाथों के बने पकवान, हमेशा भाई को लुभाते हैं
हर गुजरते दिन के साथ इस रिश्ते की अहमियत बढ़ती जाती है
बचपन की खट्टी-मीठी यादें, इस रिश्ते में और मिठास घोल जाती है
– अभिषेक मिश्र ( Abhi )
- तेरी गुड़िया
- रूठकर तू क्यों बैठा है भाई, अब मुझसे बात कर
हो गई गलती मुझसे, अब अपनी बहन को माफ कर
बिन तुझसे बात किए कैसे कटेगा वक्त मेरा
देख फलक की ओर चांद की तन्हाई एहसास कर
आज मैं तेरे संग हूँ, कल तुझसे रुखसत हो जाऊंगी
फिर पछताना मत, क्यूंकि मैं लौटकर न फिर आऊंगी
वो रक्षाबंधन और भाई दूज की मस्तियाँ याद कर
और बचपन की शरारतों का फिर से आगाज कर
अब भी गर न बोला तू, तो तुमसे मैं भी रूठ जाऊंगी
एक बार तू मुस्कुरा दे, वरना मैं रोने लग जाऊंगी
नासमझ है तेरी गुड़िया, गुस्ताखी उसकी माफ कर
पड़ गई जो धूल स्नेह पर चल उसको अब साफ कर
– प्रभात कुमार (बिट्टू) बख्तियारपुर, पटना Patna
.