poem on grandparents in hindi – ग्रैंड पेरेंट्स पर कविता
Poem On Grandparents in Hindi
-
1st Poem
मेरे नाना’पूरा बचपन ढका है जिनके प्यार में,
भरे खिलौने जैसे मेले और बाजार में,
हर गलती में जो मेरा वकील बना होगा,
मेरे नाना जैसा कौन कहाँ होगा?
ठोकर लगे तो बहलाने में, हँसाने में,
वो कोशिश करते थे बस दर्द भुलाने में,
जब-जब बुरे सपनों ने शोर किया अंधेरों में,
उनकी लोरी से बेहतर और क्या सुना होगा?
मेरे नाना जैसा कौन कहाँ होगा?
उनके जीवन में आए कितने आंधी और तूफान हैं,
चेहरे की झुर्रियों में उन्हीं घावों के निशान हैं,
उनके तजुर्बे के आगे छोटी है दुनिया,
उनके हृदय सा उदार और क्या बना होगा?
मेरे नाना जैसा कौन कहाँ होगा ?
– Jaya Pandey
-
2nd poem
मेरे नानाजीनाना जितना प्यार किसी ने दिया नहीं मुझे,
माँ-बाबा से भी ज्यादा लाड दिया मुझे,
हर गलती पे वो समझाते थे,
हम बच्चों को प्यार से सबकुछ बतलाते थे,
आज नहीं है वो हमारे साथ,
बस उनकी यादें है हम सबका अभिमान,
हर एक अच्छी सीख हमने उनसे ही पाई है
नाना जी जैसी कोई हस्ती अभी तक मुझे ना मिल पाई है,
नाना जी हम बच्चों के ज्ञान के पिटारा थे,
हम बच्चों का वो खुशियों का खजाना थे,
गलती पर वो डाँटते थे,
ऐसे वो मुझसे प्यार बस करते थे,
मेरे आदर्श है नाना जी,
मेरे जीवन का आधार है नानाजी,
मेरे प्रेरणा स्रोत है नाना जी।
– अनामिका मिश्रा - आपको हमारी कविताएँ ( poem on grandparents in hindi – poem on nanaji in hindi
) कैसी लगी, हमें जरुर बताएँ. - समय पर 3 कविता | Poem On Time in Hindi
.