Poem On Holi in Hindi Language – होली पर हिन्दी कविता
होली पर हिन्दी कविता – Poem On Holi in Hindi Language
- होली आई होली आई …..
रंगों की सौगात लाई
टोली बनाकर बच्चों ने
बड़े प्यार से आपस में
एक दूसरे को
गुलाल लगाई ।
होली आई होली आई …..
बच्चे बड़े बूढो ने
गरीबी और अमीरी का
भेद भूल कर
सबने मिलकर
गुझिया और जलेबी खाई ।
होली आई होली आई …..
लाल पीले हरे रंगों को
पिचकारी में भर भर के
सबके चेहरे पर
रंगों की रौनक छाई ।
होली आई होली आई …….
भूला कर सारे गम
डूब गए सब रंगों में
दुश्मनी को दोस्ती में
बदलकर सबके
दिलो में उमंग छाई ।
होली आई होली आई …
-अंजू गोयल
- होली आई…
होली आई, होली आई,
संग अपने खुशियां लाई,
खेले राधा संग कन्हाई,
मिट गई सबकी तन्हाई,
आज खेल रह हैं सब,
रंगों की लड़ाई,
हम मनाएं कुछ अलग त्योहार,
खिल उठे जिससे प्यारा कृष्ण गोपाल,
हम न फेंकें रंग गुलाल,
हरे, गुलाबी, पीले, लाल,
हम खेलेंगें शब्दों के संग,
भावों के लगाएंगे रंग,
रंग-बिरंगे विचार दिखेंगें,
आज हम होली पर लिखेंगें,
यादों की पिचकारी से,
हंसी के फब्बारे छोड़ेंगें,
उड़ांगे दुखों के धुल,
बिछाएंगे प्यार के फुल,
चढ़ेगा प्रेम का ऐसा रंग,
मस्ती में झुम उठे अंग अंग,
उत्साह के रंग में सब रंग जाए,
निराशा कहीं बचने न पाए,
आओ हम कुछ ऐसी होली मनाएं,
सब इक दूजे के हो जाएं,
स्नेह का बने यह पर्व निराला,
खुश हो जाए कान्हा संग हर वृजवाला. – काजल कुमारी झा
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होली आई होली आई….
रंग बिरंगी खुशीयां लाई।
होली खेले कृष्ण कन्हाई
दूर हुई सबकी तन्हाई।
होली है रंगों का त्योहार
होली पर दुश्मन बन जाते यार।
मस्ती में सब उडायें गुलाल
सबके चहरे हो गये लाल।
उत्साह के रंग में सब रंग जाये
निराशा कहीं बचने न पाये।
होली के रंगों में सब गए बहक
घर घर से आ रही गुजिया की महक।
आओ मिलकर होली मनाए
एक दूजे को रंग लगाए।
– विशाल गर्ग, खुर्जा - पतंग पर हिन्दी कविता – Poem On Kite in Hindi Language
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