अब्दुल कलाम पर कविता – Poem on APJ Abdul Kalam in Hindi Kavita

अब्दुल कलाम पर कविता – Poem on APJ Abdul Kalam in Hindi Kavita
अब्दुल कलाम पर कविता - Poem on APJ Abdul Kalam in Hindi Kavita

अब्दुल कलाम पर कविता – Poem on APJ Abdul Kalam in Hindi Kavita

  • भारत रत्न अब्दुल कलाम

  • निखरे थे  जो कोयले से हीरा बन 
    विरासत में नहीं मेहनत के बल पर 
    जन्मस्थली थी जिनकी  भुवनेश्वर
    कैरियर किया शुरू अखबार बेचकर .
    पढ़ाई की उन्होने दिन रात एक कर 
    दूर रहे सदा जाति धर्म के भेद पर .
    ​डंका बजाया मिसाइल मैन बनकर 
    पहुंचा दिया देश को ले जा फलक पर .
    ​दूर रहे तेरा मेरा कहने से उम्र भर 
    सदुपयोग किया समय का हर पल .
    ​बने राष्ट्रपति तो गए  गुलज़ार कर 
    याद करेगा देश उनको उम्र भर .
    ​सीख उनकी देगी शिक्षा उम्र भर 
    चमकना है सूरज की तरह अगर 
    ​जलना होगा आग में उसकी तरह 
    लगातार बिना रुके कर्म यूँ  कर .
    ​श्रधांजलि और नमन सिर झुकाकर 
    आँखें भर आईं  ‘कलाम’ को याद कर .
    ​राशि सिंह 
    मुरादाबाद उत्तर प्रदेश

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