Poem On Time in Hindi – samay par kavita
Samay Par Kavitayein
- 1st Poem on Time “समय बड़ा बलवान”
- 2nd Poem on Time “समय नहीं रुकता”
- 3rd Poem on Time “किसी ने नहीं देखा कल”
समय बड़ा बलवान- टिक ना सका इसके आगे, बड़े से बड़ा धनवान………………
समय बीत जाने पर, तुम बहुत पछताओगे
इतना अच्छा समय भला, तुम दोबारा कब पाओगे
समय बीत जाने पर इंसान बहुत पछताता है………………
व्यर्थ बिताया गया समय, भला कौन कहाँ कब पाता है
जो नहीं पहचानते हैं समय का मोल………………
कर नहीं पाते कोई भी अच्छा काम
नहीं कर पाते वो जग में ऊँचा अपना नाम………………
अगर जीवन में कुछ करना है………………
सबसे आगे बढ़ना है तो, समय के महत्व को पहचानो
और बढ़ाओ और अपना मान……………….
समय नहीं रुकता
हर कोई प्रतीक्षा करता है, पर समय इंतजार नहीं करता है भाई
चूका हुआ समय कभी वापस नहीं आता है भाई
जो समय को बर्बाद करते हैं, उनका जीवन हो जाता है दुखदाई
जो छात्र इसे चूक जाते हैं, वे बहुत पछताते हैं भाई
जो कृषक इसे चूक जाते हैं भाई, वे भूखों मरते हैं भाई
जो नरपति इसे चूक जाते हैं, वे भिखमंगे होते भाई
जो इसे नहीं चूकते हैं इसको, वे ही खुश होते हैं भाई
समय का उपयोग करने वाले, कमाल कर जाते हैं भाई
जो गरीब इसका उपयोग करते हैं, वे अमीर बन जाते हैं भाई
जो छात्र इसको नहीं चूकते हैं, वे सफलता की नई कहानी लिखते हैं भाई
जो कृषक न चूकते हैं इसको, अन्न से उनके घर भर जाते हैं भाई
जिनको जीवन की रीत पता है, वे कभी अपना समय नहीं गंवाते हैं भाई
इसलिए याद रखो… हर कोई प्रतीक्षा करता है, पर समय इंतजार नहीं करता है भाई
– डॉ नारायण मिश्रा
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किसी ने नहीं देखा कल
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कल कल छल छल जैसे अविरल
बहता है नदियों का जल
गुजर जाता कुछ ऐसे ही
जीवन सरिता का हर पल
बनकर कल आज और कल ।
हर आज बन जाता है बीतकर
बीता हुआ वह कल
आने वाला कल भी
भोर से पहले ही फिर
बन जाता है आज ।
कोई न जान सका
इस आज कल का राज
न जाने कैसा होगा वह
आने वाला कल ।
क्यों न खुशियों से भर लें
जीवन का यह स्वर्णिम पल
कल किसने देखा
किसी ने नहीं देखा कल ।
– गोविंद बल्लभ बहुगुणा
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