8 Poem on Raksha Bandhan in Hindi रक्षा बंधन पर हिंदी कविता kids bro sis rakhi kavita :

Poem on Raksha Bandhan in Hindi – रक्षा बंधन पर कवितारक्षा बंधन पर हिंदी कविता - Poem on Raksha Bandhan in Hindi For Kids

Poem on Raksha Bandhan in Hindi rakhi kavita

 


  • Raksha Bandhan Par Kavita in Hindi – Poem on Raksha Bandhan in Hindi rakhi kavita

  • 1st Raksha Bandhan Poem

    भैया तुम आ जाओ ना…

    बाज़ारों में राखी सजी है
    अपनी भी कलाई में सजाने दो
    रौनक हर जगह दिख रही है
    मुझे भी उत्सव मनाने दो
    नहीं चाहिए मेवे और उपहार बदले में,
    तुम बस रक्षा का वचन निभाओ ना…
    भैया तुम आ जाओ ना…
    आओ मुझको तिलक लगाने दो
    मैंने फिरसे पूजा की थाल सजाई है
    देखो मैंने पसन्द की गुजिया बनाई है
    साथ में लडडू और मिठाई है
    नहीं है इस बार कोई शिकायत तुमसे,
    तुम भी मन का बैर हटाओ ना…
    भैया तुम आ जाओ ना…
    – Jaya Pandey

  • 2nd

    Raksha Bandhan Poem

    काश – Poem on Raksha Bandhan in Hindi rakhi kavita

    काश मेरा भी कोई भाई होता…
    कभी मुझसे लड़ता
    कभी मेरे लिए लड़ता
    जब दुनिया होती विरुद्ध में
    तब वो मेरे साथ चलता
    जो भी मुख उठते अवहेलना के लिए
    वह सब पर प्रहार करता
    काश मेरा भी कोई भाई होता…
    हंसता और हंसाता,
    समझता और समझाता,
    निराशा जो घेरती व्यूह में,
    तब वो हौसला बढ़ाता,
    ‘रावण’ सा पराक्रमी होता वो भाई,
    जो मेरे लिए भी शस्त्र उठाता,
    कोई जो आहत करता स्वाभिमान को,
    तब वो युद्ध का विगुल बजाता।
    काश मेरा भी कोई भाई होता…
    – Jaya Pandey


  • Poem on Rakhi for Brother in Hindi – Poem on Raksha Bandhan in Hindi rakhi kavita
    3rd
    Raksha Bandhan Poem
    मेरे भैया

  • मेरे भैया, अबकी बार राखी में नई रीत चलाओ तुम
    अपनी बहन को आत्मरक्षा के गुर सिखाओ तुम……………………..
    Well settled लड़का ढूंढने की बजाए, मुझे Economically Independent बनाओ तुम
    जो मुझसे प्यार करे, उसे मेरा जीवनसाथी बनाओ तुम…………………………….
    मेरे संग हमेशा रहना तुम, मेरी ताकत बनना तुम
    मैं जो कभी कमजोर पड़ जाउँ, तो मेरी ढाल बन जाना तुम……………..
    राखी की इस रीत को उम्र भर निभाना तुम
    दुनियादारी के चक्कर में, मुझे मत भूल जाना तुम…………………………..
    बेटी नहीं होती है पराई, ये बात माँ-बाबा को समझाना तुम
    दहेज न कोई सामान देना तुम, मुझे तो मेरा स्वाभिमान देना तुम……………….
    परम्पराओं को सबके साथ ख़ुशी-ख़ुशी निभाना तुम
    पर मुझे कुप्रथाओं की चक्की में, पिसने से बचाना तुम…………………..
    थोड़ी नकचढ़ी बहना हूँ मैं, और मेरे प्यारे भैया हो तुम……………………….
    तुम्हारे नखरे सहती हूँ मैं, और मेरे नाज उठाते हो तुम
    तो चलो एक-दूजे की हिम्मत बन जाएँ हम-तुम……………………..
    भाई-बहन का रिश्ता होता है सबसे अनूठा, ये दुनिया को दिखाएँ हम-तुम
    – अभिषेक मिश्र ( Abhi )
  • ~~भैया मेरे~~ 4th 

    Raksha Bandhan Poem

    प्यारे-प्यारे भैया मेरे…
    सबसे अच्छे भैया मेरे…
    तुम हो मेरे रखवाले…
    मुझसे ये राखी बन्धवाले…
    तेरी रक्षा मैं करुगी..
    मेरी रक्षा तुम करना..

    तेरे साथ मैं चलूँगी..
    मेरे साथ तुम चलना…
    राखी का ये बंधन प्यारा..
    इस बंधन को बांधे रखना..
    टूटे ना रिश्तो का धागा…
    मजबूत अपने इरादे रखना…
    जब मैं तुमसे रूठ जाऊं..
    तो तुम मुझे मनाना..
    जब-जब मैं रोऊँ..
    तुम मुझे हंसाना..
    मेरे भैया दूर ना जाना..
    मुझसे तुम राखी बंधवाना..
    प्यारे प्यारे भैया मेरे …
    सबसे अच्छे भैया मेरे…. – पूजा पाठक


  • Poem on Rakhi for sister in Hindi
    5th 

    Raksha Bandhan Poem
    एक रेशम का धागा भर नहीं… 

    एक रेशम का धागा भर नहीं,
    एक हल्की सी गांठ ही नहीं,
    राखी एक बहन का प्यार है,
    ये कोई यूं ही दिन भर नहीं,
    भाई बहन के बंधन का त्योहार है!
    बंधन, लेकिन कैसा बंधन? 
    बंधन हो कर भी बंधन नहीं, 
    ये बंधन भी बहन के पंख हैं,
    भाई, बहन के लिए, मानो, 
    मोतियों भरा शंख है…
    रक्षा करने का एक वादा,
    हमेशा साथ देने का इरादा
    हर भाई का बहन से,
    है एक कसम भी, साथ निभाने का,
    हक़ जताने का भाई पर है अवसर भी…
    पूर्णिमा की चाँद सा चमकीला, 
    हर बहन को उसका भाई प्यारा, 
    हर पल उसका साया, उसका सहारा… 
    बहन का प्यार भी दिए की लोह सा, 
    भाई पर हर पल सब कुर्बान करने को… 
    एक रेशम का धागा भर नहीं,
    एक हल्की सी गांठ ही नहीं…
    राखी एक बहन का प्यार है,
    ये कोई यूं ही दिन भर नहीं,
    भाई बहन के बंधन का त्योहार है…
    – विशाल शाहदेव
  • राखी – 6th Raksha Bandhan Poem
    राखी का त्यौहार है आया,
    रंग-बिरंगी राखी लाया,
    टाई बांधकर सूट पहनकर,
    भैया बहिना को लेने आया,
    बहना थाल सजाकर लाई,
    तिलक किया, खिलाई मिठाई,
    भैया की सज गई कलाई’
    बहना ने भेंट है पाई,
    बहन मन ही मन मुस्काई।
    *****
    – Pragya Gupta.
  • **BHAIYA MERA SBSE ACHA ** – 7th

    Raksha Bandhan Poem

    Kya khoob bnaya hai tune Bhai-Bahan ka rishta
    ????
    Sath me khana , sath me rahna, sath me hai hasna -khelna
    ????
    Bayda liya tha,
    hamesha rahne ka sath-sath
    ???
    Nibane deta aye khudaBhai se liya ye bayda
    ????
    Duniya ka sabse pyara bhandan hai Bhai-Bahan ka
    ????
    “Bhaiya mera sabse acha
          “Kahti rahti har bhahna
    ????
    Muje to uske sath hi hai rahna
    ?????

     राखी 8th

    Raksha Bandhan Poem

    प्यारी तुम बहना मेरी,
    हरदम संग मेरे,रहना तुम।
    राखी के पावन दिन पे कभी,
    मेरी कलाई सुनी,न रखना तुम।
    बड़ी-बड़ी ख्वाहिशों को तरी,
    पल भर में मै पूरा कर द्वगाँ।
    बस तुझसे ये गुजारिश है मेरी,
    मुझ से कुछ न छुपाना तुम।
    बात-बात पे झगड़ना आदत है तुम्हारी,
    पर मै कभी २न्ठ जाऊँ तो मनालेना तुम।
    हेमा तुम थोड़े-बहुत नकचढ़ी हो,
    पर सबसे प्यारी बहना हो तुम।
    पूर्णिमा की चाँद जैसी चमकीली,
    परियों से कम नही हो तुम।
    आँसू तेरे नयन पे अच्छे न लगते,
    गलती से भी कभी,मत रोना तुम।
    दिल की सकून और जज्बातो से भरी है राखी।हाथों की शोभा,बधाती ये राखी।
    By- vishal ranjan raj

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