Poem On Women’s Day in Hindi Language – महिला दिवस पर कविता
महिला दिवस पर कविता – Poem On Women’s Day in Hindi Language
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हाँ मैं नारी हूँ,
हर रूप में, हर रिश्ते में
हर कर्तव्य निभाती हूँ
हाँ मैं नारी हूँ,
फिरभी अबला बोली जाती हूँ,
काया है कोमल मगर
हौसले बुलंद हैं
जो सपने खुद के लिए देखे थे
वो अब भी बेड़ियों में बंद हैं
जिम्मेदारियों के पर्वत फिरभी
निष्ठा से उठाती हूँ
हाँ मैं नारी हूँ,
फिरभी अबला बोली जाती हूँ
वो बेटे हैं,
उनको पढ़ाना है लिखाना है
हर काबिल बनाना है
मेरा क्या है,
मुझे तो ब्याह के मंडप तक बिठाना है
बेटों की ज़िद बेटों के शौक
इनमें कौन कमी करता है
मेरा अस्तित्व तो कहीं किसी आंगन में
घूंघट के नीचे पलता है
संसार सृजन का दायित्व मुझपर
फिर नवजीवन धरती में लाती हूँ
हाँ मैं नारी हूँ
फिरभी अबला बोली जाती हूँ ।
वो लड़कों को स्वछंद विलासी बनाते हैं
पर मुझे पग पग पर मर्यादायें बताते हैं
फिरभी धैर्य रखती हूँ
फिरभी सपने बुनती हूँ
वे पुरुष हैं, उनको कोई रोक नहीं
मैं नारी हूं, समाज की निगरानी में रहती हूँ
कांटो से भरा है मेरा जीवनपथ
फिरभी सफलता के नए आयाम बनाती हूँ
हाँ मैं नारी हूँ
फिरभी अबला बोली जाती हूँ
अभिलाषा जिसकी सबको है
मैं उस ममता का सार हूँ
निस्वार्थ कर्तव्य परायणता का आधार हूँ
कभी अग्नि परीक्षाएं,
कभी विरह की यातनाएं,
त्रेता में सीता, द्वापर में द्रौपदी,
हर युग में कुरीतियों का आहार चुनी जाती हूँ
हाँ, मैं नारी हूँ, फिरभी अबला बोली जाती हूँ
दुर्गा ओर लक्ष्मी का स्वरूप कही जाती हूँ
पर परिवार में तिरस्कृत रह जाती हूँ,
फिरभी दोनों घर की लाज बचाती हूँ
रोकते हैं रिवाज़ मुझको आडम्बर की तरह
फिरभी कहीं कल्पना, कहीं नीरजा बन जाती हूँ
हाँ, मैं इतिहास बनाती हूँ
हाँ, मैं नारी हूँ
फिरभी अबला बोली जाती हूँ ।
-Jaya Pandey
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स्त्री
तुम पढ़ते हो मुझे सिर्फ किताबों में
तुम गढ़ते हो मुझे सिर्फ दूसरे के प्रतिमानों में
सुना तुमने सिर्फ महरिन को डाँटना
और ऑफिस की किचकिच
लिखा देखा सिर्फ बच्चों की नोटबुक
कभी जो पढ़ लेते तुम मुझे तो
शायद आज मैं स्त्री होती
तुम पढ़ते हो मुझे सिर्फ शायरी और शेरो में
तुम गढ़ते हो मुझे सिर्फ फेसबुक के स्लोगन में
सुना तुमने सिर्फ समाज के ठेकेदारों को
और कुछ निकृष्ट सोच और बातें
लिखा देखा सिर्फ अखबारों का सच
कभी जो पढ़ लेते तुम मुझे तो
शायद आज मैं स्त्री होती
तुम बाँटते हो मुझे सिर्फ रिश्तों की चौखट में
तुम गढ़ते हो मेरी आजादी सिर्फ अपने साँचों में
कहा सिर्फ तुमने अपनी दी सौगातें
कभी जो गढ़ लेते तुम मुझे तो
शायद आज मैं स्त्री होती
नाम — डॉ शुभा श्रीवास्तव
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कभी खुद से भी खुद को देख ले ऐ नारी।।।
तेरे होने से ही चलती है दुनिया ये सारी।
कभी खुद से भी खुद को पहचान ले ऐ नारी।
तू है तो है उजाला, वरना अंधियारी सी है ये दुनिया सारी।।
तू डरती रही तो वो डराते रहे,
तू झुकती रही तो लोग झुकाते रहे,
तू सहती रही तो लोग जुल्म ढाते रहे।
तू सत्य है, यूँ असत्य न बन।
तू जीवित है, तू मिट्टी ना बन।
लोग गिराएंगे, लोग तुझे डराएंगे।
पर तू, तू डरना मत, तू गिरना मत।।
तू आगे बढ़, तू हिम्मत दिखा।
तू बन ऐसी वीरांगना जो मरकर भी आज जीवित हैं।
तू बन रानी लक्षमीबाई तू बन रानी चेन्नमा,
तू बन रानी पद्मिनी तू बन जा वीरांगना झलकारी।
तू अब न रहना चुप अब ना है चुप रहने की बारी।
तू अब लड़ना उनसे जिन्होंने तेरी लाज उघारी,
तू बन जवाब उनका जिन्होंने उठाया था तुझ पर सवाल।
तू उठ खड़ी हो और बता इन्हें,
तू है तो है दुनिया ये सारी, तू है तो है दुनिया ये सारी।
– आँचल वर्मा
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नारी
फूल जैसी कोमल नारी, कांटो जितनी कठोर नारी
अपनो की हिफासत मे सबसे अव्वल नारी
दुखो को दूर कर, खूशियो को समेठे नारी
फिर लोग क्यो कहते तेरा अत्सित्व क्या नारी
जब अपने छोटे छोटे व्खाइशो को जीने लगती नारी
दुनिया दिखाती है उसे उसकी दायरे सारी
अपने धरम मे बन्धी नारी, अपने करम मे बन्धी नारी
अपनो की खूशी के लिये खुद के सपने करती कुुरबान नारी
जब भी सब्र का बाण टूटे तो सब पर भारी नारी
फूल जैसी कोमल नारी, कांटो जितनी कठोर नारी.
– radhika birkad
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मैं पत्थर की बुत नहीं
- मैं पत्थर की बुत नहीं
साँसों की पहेली नहीं
मात्र देह की मूरत नहीं
बसता है मुझमे भी बजूद
कठपुतली डोर नहीं ।
मैं कोई पड़ाव नहीं
ठहर जाये जो जलना
मैं वो दहकता अलाव नहीं
मैं बहती हुई हवा सी हूँ
जो सदियों तक चली ।
जितना तपी उतनी निखरी
उठी तनकर जब भी बिखरी
टूटी मोतिओं की माला सी
कभी जुड़ी कभी बिखरी
कभी सजी तो कभी संवरी ।
मैं कोई रूठा किस्सा नहीं
मिट जाऊँ वो कहानी नहीं
मैं पेड़ों पर लिपटी बेल नहीं
मैं उर्वरी धरा दूर तक फैली
ब्रह्माण्ड का अनूठा स्वरूप हूँ ।
फूल सी कोमल टूटी हुई
पँखुड़ी बिखरी तितर -बितर
खुद से खुद की पहचान करती
मैं स्त्री हूँ …धरा सी फैली
प्रेम और ममत्व का खजाना लिए ।
लेखिका ,,,,,,,,,राशि सिंह
मुरादाबाद उत्तR प्रदेश । - पॉजिटिव थिंकिंग कोट्स इन हिन्दी – Positive Thinking Quotes in Hindi About Life Status
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