महिला सशक्तिकरण पर कविता Poem On Women’s Empowerment in Hindi :

Poem On Women’s Empowerment in Hindi –  – महिला सशक्तिकरण पर कविता
महिला सशक्तिकरण पर कविता - Poem On Women's Empowerment in Hindi

Poem On Women’s Empowerment in Hindi

  • क्यों  ?
  • कभी-कभी मन में यह विचार आता है कि,
    लड़कियों को लड़को से कम क्यूँ समझा जाता है?
    लड़को को कुल का वंश समझा जाता है तो,
    लड़कियों को बोझ क्यों  समझा जाता है?
    लड़को का पढ़ना-लिखना सही समझा जाता है तो,
    लड़कियों का पढ़ना-लिखना गलत क्यों  समझा जाता है?
    लड़को के पैदा होने पर खुशी मनायी जाती है तो,
    लड़कियों के पैदा होने पर शोक क्यों  मनाया जाता है?
    लड़कियों को घर से बाहर निकलने से रोका जाता है तो,
    लड़को को घर से बाहर निकलते समय उनकी मर्यादा में रहना क्यों  नहीं सिखाया जाता है?
    हैरान हूं – दुखी हूं , इस आज़ाद देश में इस छोटी सोच को बढ़ावा क्यों  दिया जाता है?
    अब जरूरत है इस संकीर्ण सोच को बदलने की
    अब जरूरत है महिलाओं को सशक्त बनाने की
    अब हर किसी को जगना होगा, और सबको जगाना होगा
    बहुत खो लिया नारी ने, अब उसे उसका हक दिलाना होगा
    स्त्रियों को खुद इसकी शुरुआत करनी होगी
    स्त्रियों को खुद, स्वयं को आगे बढ़ाना होगा
    उम्मीद है जल्द हीं हालात बदलेंगे
    उम्मीद है अब वक्त करवट लेगा
    और नहीं रहेगी किसी स्त्री के चेहरे पर सिकन – चारू चौधरी
  • नारी
    जीने का अरमान है नारी
    हम सबका सम्मान है नारी
    नारी नही तो जग सुना है
    कण कण में विद्यमान है नारी
    तुम इसको निर्बल ना समझो
    गीता फोगाट जैसी पहलवान है नारी
    निर्बल को सबल करती यह
    प्रबल स्मृति की आह्वान है नारी
    तन भी उजला मन भी उजला
    हम सबका भगवान है नारी
    इसको तुम अज्ञान ना समझो
    हम सबसे सुजान है नारी
    कंचन सी काया है जिसकी
    नभ से भी महान है नारी
    इसको तुम अकिंचन ना समझो
    जीवन का वरदान है नारी
    रस्ते का पाहन ना समझो
    जन जन का अभियान है नारी
    चुभन भरी है जीवन सारी
    रचनाओं में प्रच्छन्न है नारी
    – कोमल यादव
    खरसिया, रायगढ़(छ0ग0)

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