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प्यार का दर्द शायरी – Pyar Ka Dard Shayari in Hindi With Image Status msg
प्यार का दर्द शायरी – Pyar Ka Dard Shayari in Hindi With Image Status msg
- न मुस्कुरा रहे हैं, न आंसू बहा रहे हैं
दिल का हाल किसी को भी न बताकर
हम बस प्यार का दर्द सहे जा रहे हैं. - प्यार का दर्द मीठा और प्यारा होता है
महबूब जैसा भी हो बस हमारा होता है. - न पूछो इस प्यार में हमने कितने दर्द सहे हैं
दुनिया से जंग की तब वो हमारे हुए हैं.
- इस इश्क-मोहब्बत में ऐसा हीं होता है
महबूब को पाने की दुआ हर कोई करता है
लेकिन दुआ किसी-किसी की हीं कुबूल होती है
मोहब्बत न मिले तो सारी अदाएँ फिजूल होती है. - न जाने ये इश्क है या नाकामियों का एक सिलसिला है
क्यों लोग प्यार की चाह में किस्मत आजमाए जा रहे हैं
महबूब के बाँहों का मरहम पाने की चाहत में दर्द पाए जा रहे हैं. - प्यार की राह में दर्द मिले, तो भी चुप रहना पड़ता है
भले रुकने का मन करे, फिर भी जख्मी दिल से चलना पड़ता है. - अब भी जब वो याद आती है
तो याद आ जाता है उसका चेहरा
और प्यार का जख्म हो जाता है और गहरा.
ऐसे दर्द मिले हैं उनके प्यार में
कि मेरी कहानी सुनोगे तो रो दोगे
मैंने तो जिंदगी में बहुत कुछ खोया
मेरी तकलीफ सुन तुम भी सुधबुध खो दोगे.
- प्यार में इतने दर्द सहे हैं मैंने कि आँसू बहाना भूल गया
खुशियाँ भी अब दस्तक नहीं देती, मैं मुस्कुराना भूल गया. - मैंने उसे अपनी खुशियाँ दे दी और उसने मुझे अपने सारे दर्द दे दिए
मैंने उसके जख्म भरे और उसने मुझे अपने सारे मर्ज दे दिए. - हर रोज सोचता हूँ कि अब उसे याद नहीं करूंगा
पर वो अब भी हर रोज सौ बार याद आती है
उसकी हर याद दिल के जख्म को हरा कर जाती है. - प्यार का दर्द शायरी – Pyar Ka Dard Shayari in Hindi With Image Status msg
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Homeसुखमंगल सिंह‘प्यार करता हूँ !’
‘प्यार करता हूँ !’ Sukhmangal Singh सुखमंगल सिंह 20/12/2014 4 Comments
उस पर एतबार करता हूँ |
सदा तकरार करता हूँ |
दिल गुलजार करता हूँ |
मैं भी प्यार करता हूँ !!
हर अदा पर उसके इजहार करता हूँ |
बहके दिल ना मेरा प्यार करता हूँ !
बिरहा -बहार झकझोर पढ़ता हूँ |
मुझे देखो मैं प्यार करता हूँ !!
गुदगुदाया रात -दिन नीद ओ जगता रहूँ |
सोचता वाहो में उसके उलझे ही रहूँ |
अहसास के ठावँ-गाँव में ही रहूँ |
मुझे देखो मैं भी प्यार करता हूँ !!
ज्ञान की गंगा में गोता खा रहा हूँ |
नदी बहुत गहरी है उसीमे रहा हूँ |
कई वर्षो से डूबता उतरा रहा हूँ |
कमनीय कामना का दीदार करता हूँ|
व्याधियों से घिरा पर प्यार करता हूँ|
देखो मुझे मैं भी प्यार करता हूँ !!
ज्ञान की गंगा में गोता खा रहा हूँ |
नदी बहुत गहरी है उसीमे रहा हूँ |
कई वर्षो से डूबता उतरा रहा हूँ |
कमनीय कामना का दीदार करता हूँ|
व्याधियों से घिरा पर प्यार करता हूँ|
देखो मुझे मैं भी प्यार करता हूँ !!
दिखे दिखता दिलदार दिलवर दिलेर दिखाई |
लिखे लिख-लिख लिखते लरिकन लरिकाई |
लड़ते -लड़ते लाखों लालित्य लाल लगाई |
सज सुघर सुह्रद सजल साहित्य सजाई |
विश्व के साहित्य प्रेम को साकार करता हूँ|
मैं उस पर एतबार करता हूँ ||
दिखे – दिखता दिलदार – दिलेर दिखाई |
लिखें लिख-लिख लिखते लटिकन लरिकाई |
लड़ते -लड़ते लाखों लालित्य लाल लगाई |
सज सुघर -सुहृद सजल साहित्य सजाई |
विश्व साहित्य प्रेम को साकार करता हूँ |
मैं अक्सर एतबार करता हूँ ||
शर्माती मुस्काती कभी खुलकर गीत सुनाती |
अंधेरों को चीर-चीर उजाला दिव्य दिखाती ||
कौतुभ कांति – शांति समेटे दिल बहलाती |
मेरे प्यार में विह्वल होकर गीत सुनाती |
|सुख समृद्धि सस्वर समेटे गजल सुनाती |
भाषा भाषिता संतुलित संस्कार सजाती |
छंद लचारि अलंकारादि मंजरी मन भाती|
हरित शिल्प शीतल सुजलाम सुफलाम दिखाती |
प्रकृति सुंदरी का प्रति दिन दीदार कराता हूँ |
देखो मैं भी प्यार करता हूँ ||
कौन कहता मुझे कि प्यार नहीं करते हैं !
प्यार करता हूँ तकरार कहीं करता हूँ !
मानवता समेंटे तन बदन बिहार करते हैं |
बकुल बहलि आंतरिक गुलजार करता हूँ ||
उस पर इतबार करता हूँ !
सदा तकरार करता हूँ !
बहके दिल प्यारकरता हूँ |
मै भी प्यार करता हूँ ||