प्यार-इश्क-मोहब्बत पर कविता – Pyar Ki Kavita Ishq Poem Mohabbat Hindi Poetry Prem :

प्यार-इश्क-मोहब्बत पर कविता – Pyar Ki Kavita Ishq Poem Mohabbat Hindi
प्यार-इश्क-मोहब्बत पर कविता - Pyar Ki Kavita Ishq Poem Mohabbat Hindi Poetry Prem

दोस्तों हम आपके लिए लाये हैं प्यार-इश्क-मोहब्बत पर कविता – Pyar Ki Kavita Ishq Poem Mohabbat Hindi Poetry Prem. हमें उम्मीद है कि आपको कविताएँ पसंद आएँगी.

  • Pyar Ki Kavita In Hindi

  • __तुम__
    अपना सम्पूर्ण तुम्हे सौंप कर
    जब लेती हूं साँस,
    तुम अंदर भर जाते हो,
    आत्मा तक पैठ जाते हो,
    छू लेते हो रूह को,
    और तब मैं,
    मैं नहीं रह जाती,
    तुम हो जाती हूँ
    जैसे उतार फेंका हो खुद को,
    और दिख पड़ा हो मेरा अंतस
    “तुम”
    – अंशु प्रिया ( Anshu Priya )
  • Sachche Pyar ki kavita

    Prem Mohabbat Ishq Poem Kavita

    __प्रेम__
    मैं नहीं जानती की तुम मेरे कौन हो?
    कई बार जब खुद को झिंझोड़ कर
    पूछा है खुद से
    की कौन हो तुम मेरे,
    तो जवाब देने में हमेशा असफल रहती हूँ।
    तुम मेरे पिता नही हो,
    पर मेरा सारा बचपना
    मैं तुम पर ही ज़ाहिर क्यों कर देती हूँ।
    क्यों लगी हर चोट पर तुम्हारी ही पुचकार चाहती हूँ।
    तुम मेरे बच्चे भी नहीं हो,
    पर मेरा सारा दुलार
    तुम पर ही क्यों उमड़ पड़ता है।
    क्यों तुम्हारा सर अपने वक्ष में दुबका कर
    मैं सारी ममता तुम पर उड़ेल देना चाहती हूँ
    तुम मेरे स्वामी भी नही हो,
    पर क्यों मेरा कोई भी फैसला
    मैं तुम्हारे बिना नही ले पाती,
    या यूँ कहूँ लेना नही चाहती।
    क्यों मैं खुद ही तुम्हारी बंदिनी बन जाती हूँ।
    तुम मेरे प्रेमी भी तो नही हो,
    क्योंकि अगर तुम सिर्फ मेरे प्रेमी हो
    तो मेरी बाकी सभी भावनाएँ बेमानी है।
    मैं सिर्फ इतना समझ पाई हूँ,
    की तुम शायद मेरे सबकुछ हो,
    और शायद कुछ भी नहीं,
    तुम सिर्फ  “प्रेम” हो।
    – अंशु प्रिया ( Anshu Priya )

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