Pyar Kya Hota Hai Poetry || प्यार क्या होता है कविता
Pyar Kya Hota Hai Poetry || प्यार क्या होता है कविता || love poem in hindi line
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प्रेम क्या है ? – Pyar Kya Hota Hai Poetry
व्यर्थ आशाएं और यातना का आधार है
प्रेम क्या है? बस मिथ्या का संसार है
कौन आजीवन प्रेम करता है?
कौन वचनों की लाज रखता है?
त्याग भाव अब कौन रखता है?
द्रौपदी के प्रतिशोध में यहाँ,
कौन ‘पाण्डव’ युद्ध करता है?
बस स्वार्थ से सन्निहित एक विचार है,
प्रेम क्या है? मिथ्या का संसार है।
साक्ष्य है इतिहास और वर्तमान,
देख लेना प्रेम कहानियों के अंजाम,
सब वास्तविकता बतलाएंगे,
इस मोह के टूटे मनके,
हर जगह मिल जाएंगे,
वे भी आश्वस्त थे उनका प्रेम सफल होगा,
उनका विश्वास भी अपने प्रेम पर अटल होगा,
यौवन को विस्मित करने का मायाजाल है,
प्रेम क्या है? मिथ्या का संसार है ।
– Jaya Pandey
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Tumhari Aankho me
Tumhari aankho me uu doob jaate h
Gud se jyada meethe lgte ho
Imli se bhi jyada khatte
Tumhari madhosh khushbu saaye ki trah rahti h sath
Tumhari bechain dhadkan nhi jeene deti h mujhe
Satati h kuch iss trah ki saans ruk jaati h
Par tumhare liye unaka pyaar ni
Jis pal tumko baaho me bharte h
Lagta h maano jannat sath ho
Tumhari un aadao ne kuch iss trah ghayal kar diya h ki kambhakt iss pagal dil ko hum smjha hi ni skte
Suno laut kar aao na
Aaya kro to jaya na karo
Bus baaho me bharkar humein uhi sataya karo#priya
– Sudha Tiwari
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यहां हम जैसे और भी हैं – Pyar Kya Hota Hai Poetry
यहां हम जैसे और भी हैं
बिखरे हुए दीवाने अल्फ़ाज़ों के,
टूटे हुए फ़साने जज़्बातों के,
और भी गुम हुए हैं दर्द के शोर में,
कोई अब भी जी रहे हैं गुज़रे हुए दौर में ।
यहां हम जैसे और भी हैं
कितनों को दर्द ले डूबे
कितने टुकड़ो में टूटे
कितनों ने मौत को चुन लिए
हम खुशकिस्मत थे
हमारे दर्द कागज़ ने सुन लिए
कुछ लोगों के हमसफ़र उनके संग हैं
कितने अधूरे दास्तां डायरी में बंद हैं ।
यहां हम जैसे और भी हैं …
कितनों के अल्फ़ाज़ यहां मुक़म्मल हुए हैं
कितनों को गुमनामी के ख़िताब मुक़र्रर हुए हैं
कितनों को नाम मिले,
कितने गुमनाम हुए,
जो भी शहर-ए-मोहब्बत से गुज़रे
बेशक बर्बादी के अंजाम हुए ।
यहां हम जैसे और भी हैं…
हम जैसे कितनो को भटकाया
उस टूटते हुए तारे ने
कितनो को रास्ता दिखाया
इस कलम के सहारे ने
ये कागज़ सुनते हैं
कभी हमनवा
कभी हमसफ़र बनते हैं
ये दर्द समेटने का हुनर जानते हैं
ये ख़ामोशी की क़दर जानते हैं
हम जैसों का सफर जानते हैं
ये यादों का क़हर जानते हैं ।
यहां हम जैसे और भी हैं…
फितूर इश्क़ का पहले तो थाम लेता है
फिर जी भर के इन्तेक़ाम लेता है
कितने ग़ालिब यहां
कितने आशिक़ हुए
मोहब्बत के घाव क्या बताएं
यहां सब हैं वाकिफ़ हुए ।
यहाँ हम जैसे और भी हैं…
– Jaya Pandey - गर्लफ्रेंड के लिए रोमांटिक कविता – Romantic Poems in Hindi For Girlfriend
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