Rashtriya Geet Vande Mataram word meaning in hindi – वन्दे मातरम् का अर्थ
वंदेमातरम् ऐसा गीत है, जो राष्ट्र भक्ति की भावना लोगों में भर देता है. वंदेमातरम् ने आजादी से पहले लोगों को जागरूक और एकजुट करने में अहम भूमिका निभाई थी. हम सभी भारतीयों को पूरा वंदेमातरम् पता होना चाहिए और इसका अर्थ भी. तभी हम जान पाएंगे कि यह गीत इतना महत्वपूर्ण क्यों रहा है.
Rashtriya Geet Vande Mataram word meaning in hindi
- वन्दे मातरम्
सुजलाम् सुफलाम् मलयज शीतलाम्
शस्य-श्यामलाम् मातरम्॥ वन्दे मातरम्॥ १॥
शुभ्र-ज्योत्सनां पुलकित यामिनीम्
फुल्ल कुसुमित द्रुमदल शोभिनीम्
सुहासिनीम् सुमधुर-भाषिणीम्।
सुखदाम् वरदाम् मातरम्॥ वन्दे मातरम्॥ २॥
कोटि-कोटि कंठ कल-कल निनाद कराले
कोटि-कोटि भुजैर्धृत खरकरवाले,
के बोले माँ तुमी अबले
बहुबल धारिणीम् नमामि तारिणीम्
रिपुदलवारिणीम् मातरम्॥ वन्दे मातरम्॥ ३॥
तुमि विद्या तुमि धर्म
तुमि हृदि तुमि मर्म
त्वं हि प्राणा: शरीरे
बाहु ते तुमि मां शक्ति
हृदये तुमि मां भक्ति
तोमारइ प्रतिमा गङि मंदिरे मंदिरे॥ वन्दे मातरम्॥ ४॥
त्वं हि दुर्गा दशप्रहरणधारिणीम्
कमला कमलदल विहारिणी
वाणी विद्यादायिनी, नमामि त्वां, नमामि कमलाम्।
अमलाम्, अतुलाम्, सुजलाम्, सुफलाम्, मातरम्॥ ५॥
श्यामलाम्, सरलाम्, सुस्मिताम्, भूषिताम्
धरणीम्, भरणीम्, मातरम्॥ वन्दे मातरम्॥ ६॥
- वन्दे मातरम्
सुजलाम् सुफलाम् मलयज शीतलाम्
शस्य-श्यामलाम् मातरम्॥ वन्दे मातरम्॥ १॥
अर्थ – हे माँ मैं तुम्हें प्रणाम करता हूँ. माँ तुम पानी से भरी हुई हो, फलों से भरी हुई हो. हे माँ तुम्हें मलय से आती हुई हवा शीतलता प्रदान करती है. हे माँ तुम फसल से ढकी रहती हो. हे माँ मैं तुम्हें प्रणाम करता हूँ. - वन्दे मातरम् = हे माँ मैं तुम्हें प्रणाम करता हूँ. सुजलाम = पानी से भरी हुई, सुफलाम् = फलों से भरी हुई, मलयज = मलय जो केरल का एक तट, शीतलाम = शीतलता प्रदान करती है. मलयज शीतलाम = हे माँ तुम्हें मलय से आती हुई हवा शीतलता प्रदान करती है,शस्य-श्यामलाम् = हे माँ तुम जो फसल से ढकी रहती हो. शस्य = फसल / उपज / खेती श्यामला = गहरा रंग
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- शुभ्र-ज्योत्सनां पुलकित यामिनीम्
फुल्ल कुसुमित द्रुमदल शोभिनीम्
सुहासिनीम् सुमधुर-भाषिणीम्।
सुखदाम् वरदाम् मातरम्॥ वन्दे मातरम्॥ २॥
अर्थ – वो जिसकी रात्रि को चाँद की रौशनी शोभायमान करती है. वो जिसकी भूमि खिले हुए फूलों से सुसज्जित पेड़ों से ढकी हुई है.
सदैव हंसने वाली, मधुर भाषा बोलने वाली. सुख देने वाली, वरदान देने वाली माँ. मैं तुम्हें प्रणाम करता हूँ.
- शुभ्रज्योत्स्नापुलकितयामिनीं – वो जिसकी रात्रि को चाँद की रौशनी शोभायमान करती है. शुभ्र = चमकदार, ज्योत्सना = चन्द्रमा की रोशनी, पुलकित = अत्यधिक खुश / रोमांचित, यामिनी = रात्रि, फुल्लकुसुमितद्रुमदलशोभिनीं = वो जिसकी भूमि खिले हुए फूलों से सुसज्जित पेड़ों से ढकी हुई है. फ़ुल्ल = खिले हुए, कुसुमित = फूल, द्रुम = वृक्ष, दल = समूह, शोभिनीं = शोभा बढ़ाते हैं.
सुहासिनीं सुमधुर भाषिणीं सुहासिनीं = सदैव हंसने वाली, सुमधुर भाषिनी = मधुर भाषा बोलने वाली सुखदां वरदां मातरम् =
सुखदां = सुख देने वाली, वरदां = वरदान देने वाली.
- कोटि-कोटि कंठ कल-कल निनाद कराले
कोटि-कोटि भुजैर्धृत खरकरवाले,
के बोले माँ तुमी अबले
बहुबल धारिणीम् नमामि तारिणीम्
रिपुदलवारिणीम् मातरम्॥ वन्दे मातरम्॥ ३॥
अर्थ – करोड़ों कंठ मधुर वाणी में तुम्हारी प्रशंसा कर रहे हैं. करोड़ों हाथों में तेरी रक्षा के लिए धारदार तलवारें निकली हुई हैं. माँ कौन कहता है कि तुम अबला हो. तुम बल धारण की हुई हो. तुम तारने वाली हो, मैं तुम्हें प्रणाम करता हूँ. माँ तुम शत्रुओं को समाप्त करने वाली हो. माँ मैं तुम्हें प्रणाम करता हूँ.
- कोटि-कोटि-कण्ठ-कल-कल-निनाद-कराले = करोड़ों कंठ मधुर वाणी में तुम्हारी प्रशंसा कर रहे हैं. कोटि = करोड़, कंठ = गला, कल-कल = बहती हुई जलधारा की मधुर ध्वनि. निनाद = गुनगुनाहट, कराले = आवाज़.
कोटि-कोटि-भुजैधृत-खरकरवाले – करोड़ों हाथों में तेरी रक्षा के लिए धारदार तलवारें निकली हुई हैं. भुजै धृत = भुजाओं में निकली हुई, खर = धारदार, करवाल = तलवार. के बोले माँ तुमी अबले = माँ कौन कहता है कि तुम अबला हो.
बहुबलधारिणीं नमामि तारिणीं – तुम बल धारण की हुई हो. तुम तारने वाली हो, मैं तुम्हें प्रणाम करता हूँ. बहुबलधारिणीं = बहुत बल धारण किये हुए / बहुत शक्तिशाली, नमामि = में प्रणाम करता हूँ, तारिणीं = तारण करने वाली / बचाने वाली. रिपुदलवारिणीं मातरम् – माँ तुम शत्रुओं को समाप्त करने वाली हो. रिपुदल = शत्रुओं का दल, वारिणी = रोकने वंदे मातरम् ।
- तुमि विद्या तुमि धर्म
तुमि हृदि तुमि मर्म
त्वं हि प्राणा: शरीरे
बाहु ते तुमि मां शक्ति
हृदये तुमि मां भक्ति
तोमारइ प्रतिमा गङि मंदिरे मंदिरे॥ वन्दे मातरम्॥ ४॥
अर्थ – तुम हीं विद्या हो, तुम हीं धर्म हो. तुम हीं हृदय, तुम हीं तत्व हो. तुम हीं शरीर में स्थित प्राण हो. हमारी बाँहों में जो शक्ति है वो तुम ही हो. हृदय में जो भक्ति है वो तुम ही हो. तुम्हारी हीं प्रतिमा हर मन्दिर में गड़ी हुई है. माँ मैं तुम्हें प्रणाम करता हूँ. - तुमि विद्या, तुमि धर्म– तुम हीं विद्या हो , तुम हीं धर्म हो.
तुमि हृदि, तुमि मर्म – तुम हीं हृदय, तुम हीं तत्व हो.
त्वं हि प्राणाः शरीरे – तुम हीं शरीर में स्थित प्राण हो.
बाहुते तुमि मा शक्ति – हमारी बाँहों में जो शक्ति है वो तुम ही हो.
हृदये तुमि मा भक्ति – हृदय में जो भक्ति है वो तुम ही हो.
तोमारई प्रतिमा गडि मन्दिरे-मन्दिरे मातरम् – तुम्हारी हीं प्रतिमा हर मन्दिर में गड़ी हुई है. वंदे मातरम् । - त्वं हि दुर्गा दशप्रहरणधारिणीम्
कमला कमलदल विहारिणी
वाणी विद्यादायिनी, नमामि त्वां, नमामि कमलाम्।
अमलाम्, अतुलाम्, सुजलाम्, सुफलाम्, मातरम्॥ ५॥
अर्थ – तुम ही दस अस्त्र धारण की हुई दुर्गा हो. तुम ही कमल पर आसीन लक्ष्मी हो. तुम वाणी एवं विद्या देने वाली ( सरस्वती ) हो , तुम्हें प्रणाम. तुम धन देने वाली हो, तुम अति पवित्र हो, तम्हारी कोई तुलना नहीं हो सकती है, तुम जल देने वाली हो, तुम फल देने वाली हो माँ हो.
- त्वं हि दुर्गा दशप्रहरणधारिणी– तुम ही दस अस्त्र धारण की हुई दुर्गा हो. कमला = लक्ष्मी जी कमलदलविहारिणी = तुम ही कमल पर आसीन लक्ष्मी हो. वाणी विद्यादायिनी, नामामि त्वाम् = तुम वाणी एवं विद्या देने वाली ( सरस्वती ) हो , तुम्हें प्रणाम.
कमलां अमलां अतुलां सुजलां सुफलां मातरम् ॥ कमलां = धन देने वाली देवी / लक्ष्मी, अमलां = अति पवित्र, अतुलां = जिसकी कोई तुलना न हो, सुजलां = जल देने वाली , सुफलां = फल देने वाली. वंदे मातरम् ।
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- श्यामलाम्, सरलाम्, सुस्मिताम्, भूषिताम्
धरणीम्, भरणीम्, मातरम्॥ वन्दे मातरम्॥ ६॥
अर्थ – श्यामवर्ण वाली, अति सरल, सदैव हँसने वाली, भूषित, धारण करने वाली, पालन-पोषण करने वाली माँ हो तुम. माँ मैं तुम्हारी वन्दना करता हूँ.
- श्यामलां सरलां सुस्मितां भूषितां= श्यामलां = श्याम वर्ण की, सरलां = अति सरल (कपट रहित ), सुस्मितां = सदैव मधुर हंसती हुई, भूषितां = भूषित.
धरणीं भरणीं मातरम् ॥
धारणी = धारण करने वाली / रखने वाली, भरणीं = भरण ( पालन पोषण करने वाली ) ] वंदे मातरम् ।
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