3 Sad Poem in Hindi ये कैसी मजबूरी All time best very very sad kavita in hindi sadness :

Sad Poem in Hindi
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  • मोहब्बत का दस्तूर 

  • आज फिर उसकी यादों ने दिल में हलचल मचाई है
    आज फिर मुझे उसकी याद आई है
    आज फिर लब खामोश हैं, और आँखें भर आई है………………………….
    न जाने क्यों, वो अब भी मेरी सांसों में समाई है………………………….
    क्या उसे नहीं पता कि, मैं अब भी उससे प्यार करता हूँ
    उसके बिना, एक पल में हजार बार मरता हूँ
    वो नहीं आएगी ये जानकर भी, उसका इंतजार करता हूँ………………………….
    न जाने क्यों, मैं एक बेवफा पे मरता हूँ………………………….
    कल तक जो मेरी थी, अब वो पराई है
    शायद यही दस्तूर है मोहब्बत का, वफा के बदले मिलती बेवफाई है
    उसकी यादों को अपनी ताकत बनाऊंगा मैं………………………….
    प्यार की नई दस्तूर चलाऊंगा मैं, प्यार क्या होता है ये उसे दिखाऊंगा मैं………………………….
    अपने प्यार को नहीं पा सका मैं, पर अपने प्यार के लिए खुद को मिटाऊंगा मैं
    वफा की नई कहानी लिखकर, खुद प्यार बन जाउँगा मैं…………………………..
    अभिषेक मिश्र (Abhi)
  • ये कैसी मजबूरी है

    ये कैसी मजबूरी है, क्यूँ मिलन हमारी अधूरी है
    ना तुम चाहते हो, ना हम चाहते हैं… पर बिछड़ना जरूरी है
    हम तुमसे जुदा होना नहीं चाहते, होकर जुदा रोना नहीं चाहते
    लेकिन तुम तो जा रहे हो, इस तन्हा दिल को तड़पा रहे हो………………………….
    ख़ामोशी है, उदासी है…. दिल में एक कसक बाकी है
    जुदाई की बेला है, अब तो बस तन्हा दिल अकेला है
    दूर तुमसे रहना आसान नहीं, तुम इस बात से अनजान नहीं
    याद तो तुम्हें हम भी आयेंगे, साथ बिताये पल बहुत सतायेंगे………………………….
    दूर होने से प्यार बढ़ता है, पर ये दिल-ए-नादान क्यों इतना डरता है
    ये दुनिया हमारे प्यार के बीच दीवार है, न जाने क्यों ऐसा प्यार है
    लेकिन तुम तो मेरी सहगामिनी हो, जन्मों-जन्मों की अर्धांगिनी हो
    तुम कंचन काया हो, जैसे राम ने सीता को पाया हो………………………….
    निर्मल गंगा की पावन धारा हो, गुलशन का श्रृंगार हो
    तुम हिरणी सी नैनों वाली, प्यार की मूरत साकार हो
    परन्तु तुम तो जा रही हो, मिलन के स्वप्न दिखा रही हो
    इस निराशा के क्षण में, आशा के फूल खिला रही हो………………………….
    जल्दी हीं मिलेंगे हम दोनों, अगले बसंत बहार में
    अब तुम हीं बताओ ये कैसी अधूरी प्रेम कहानी है
    मिलन है, जुदाई है, साथ जीने-मरने की कसम खाई है
    तुम मेरी पहली और आखिरी ख्वाहिश हो, मेरे लिए खुदा की नुमाइश हो………………………….
    कुणाल कुमार सिंह

  • ‘टूटा -टूटा चाँद ‘

    आज चाँद कुछ टूटा सा है ,
    इस जमी से कुछ रूठा सा है ,
    छुपा जा रहा है इसके आगोश में ,
    जमी बन गयी ,जैसे महबूबा है
    त्राहि-त्राहि कर उठी हर दिशा ,
    हर नजारे का पसीना छूटा सा है ,
    सितारे भी खो रहे रोशनी ,
    यह टकराव भी अनूठा सा है ,
    हवा चल रही घबराकर बडी ,
    हर दिल कुछ संजीदा सा है ,
    ग्रहण लग जाये इस ग्रहण को ,
    हर दिल बहुत टूटा सा है ,
    – राशि सिंह

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