3 बेटी बचाओ – बेटी पढ़ाओ कविताएँ – Save Girl Child Poem in Hindi Font :

Save Girl Child Poem in Hindi
Save Girl Child Poem in Hindi - the best & short poerty on beti

Poem No 1 – Save Girl Child Poem in Hindi

  • बेटी है, तो है सृष्टि सारी
  • कभी बेटी, कभी बहन, कभी पत्नी, तो कभी माँ है नारी
    पुरुष जिसके बिना असहाय है, ऐसी है नारी
    कभी ममता की फुलवारी, तो कभी राखी की क्यारी है नारी
    सृष्टि जिसके बिना थम जाए, ऐसी है नारी
    पुरुषों की पूरी भीड़ पर अकेली भारी है नारी
    जो सृष्टि को जलाकर राख कर दे, ऐसी चिंगारी है नारी
    बेटी हो तो…….. पिता की राजदुलारी है नारी
    माँ हो तो………. सन्तान पर हमेशा भारी है नारी
    बहन हो तो……. भाई की लाडली है नारी
    पत्नी हो तो…….. पति की जान है नारी
    पुरुष हमेशा अधूरा तो…….. हमेशा पूरी है नारी
    सृष्टि जिस पर घूम रही, वह धुरी है नारी
    जब गर्भ में नहीं मरोगे, तभी तो तुम्हारी है नारी
    जब नारी है………… तभी तो है ये सृष्टि सारी
    – अभिषेक मिश्र
  • बेटी बचाओ – Poem No 2 – Save Girl Child Poem in Hindi

    मेरे होने का एहसास नहीं है।
    पर वो दिन क्या ख़ास नहीं है।
    जिस दिन मैं घर आई थी।
    मम्मी तो मुस्कुराईं थी।
    पापा भी चहक उठे थे।
    पर फिर क्यों दुनिया ने नहीं दी बधाई थी।
    लड़की हुई है ये सुनकर सबके मुह उतर गए।
    बधाई देने वालो के शब्द क्यों तानो में बदल गए ।
    लड़की हूँ मैं बोझ नहीं किस किस को समझाऊं मैं।
    लड़को से हूँ कम नहीं क्यों तुमको बतलाऊ मैं।
    भूल गए हो तुम सब शायद लड़की से है ये जग सारा।
    तुम ना होते आज अगर माँ ने न होता तुमको 9 महीने कोख में पाला।
    तो क्यों खुश नहीं होते हो तुम लड़की के होने पर ।
    क्यों कुछ मासूमों को मार देते हो उनके होने पर।
    उनका क्या कसूर उनको भेजा है इस जग में भगवान् ने।
    तुम कोन होते हो, ये फैसला करने वाले के हम रहेंगे या नहीं इस संसार में।
    लड़की से ही तुम भी हो , लड़की से है ये जग सारा।
    कद्र करो और समानता लाओ। कहीं हो न जाए बंजर जग सारा।
    – आँचल वर्मा

  • बेटी – Poem No 3 – Save Girl Child Poem in Hindi

    बेटी तुम हो मान हमारी

    सबसे प्यारी सबसे न्यारी
    बेटी तुम सम्मान हमारी
    तुमको जहाँ में लाना है
    जग में नाम कमाना है
    सरस मृदुल तुम न्यारी हो
    तुम तो शान हमारी हो
    तुमको हमे पढा़ना है
    तुमको आगे बढा़ना है
    लक्ष्मीबाई हो या लता
    पद्मिनी हो या पन्ना धाय
    एक से बढ़कर एक है नाम
    बेटी ने बढा़या देश का मान
    बेटी ने गौरव को बढा़या
    जग में नयी पहचान दिलाया
    हर पद को गुंजित करने वाली
    सूर्य सी किरण बिखेरने वाली
    नयी उडा़न को भरने वाली
    सपने को सच करने वाली
    आओ मिलकर करें सलाम
    बेटी है मेरे देश की शान
    – कंचन पाण्डेय GURUSANDI MIRZAPUR UTTAR PRADESH 

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