दशहरा पर छोटा निबंध – Short Essay on Dussehra in Hindi Paragraph 10 lines :

Short Essay on Dussehra in Hindi – दशहरा पर छोटा निबंध
दशहरा पर छोटा निबंध - Short Essay on Dussehra in Hindi Paragraph 10 lines

Short Essay on Dussehra in Hindi – दशहरा

  • विजयादशमी या दशहरा हमारे महत्वपूर्ण पर्वों में से एक है. यह पर्व नवरात्र के अंत में आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है. यह पर्व असत्य पर सत्य की विजय का उत्सव है. इसी दिन श्री राम ने रावण का वध किया था. इसलिए इसे विजयादशमी कहा जाता है. हिन्दू धर्म में त्योहारों का एक विशेष स्थान है, और दशहरा इन त्योहारों में अपनी एक विशिष्ट स्थान रखता है. हिन्दू धर्म में सारे त्यौहार बुराई पर अच्छाई, असत्य पर सत्य, अंधकार पर उजाले की जीत का उत्सव मनाते हैं, और दशहरा इनमें सबसे महत्वपूर्ण है.
  • दशहरा का महत्व, दशहरा क्यों मनाया जाता है –

    दशहरा का पारंपरिक, सामाजिक, तथा आर्थिक रूप से बहुत महत्व है. हिन्दू धर्म में, दशहरा साल के सबसे
    शुभ दिनों में से एक है. इस दिन नए कार्यों की शुरुवात की जाती है. पारंपरिक रूप से दशहरा शक्ति पूजन का दिन है.
    रावण पर श्री राम की विजय के अलावा माँ दुर्गा की महिषासुर पर विजय का भी ये पर्व है. माँ को शक्ति का
    रूप माना जाता है. इसलिए इस दिन शस्त्रों की भी पूजा की जाती है.इस दिन बच्चों का अक्षर बोध संस्कार
    अथवा विद्यारन्भ संस्कार की भी परंपरा है.

  • दशहरा की विशेष महत्ता

    सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी दशहरा की विशेष महत्ता है. इस दिन देश भर में रावण के पुतले बना उसे प्रज्वलित करने की प्रथा से समझ को बुराइयों से दूर रहने की शिक्षा दी जाती है. इस रावन दहन समारोह में समाज के हर वर्ग और तबके की भागीदारी समझ में एकता का भी सन्देश देती है. बुराई पर अच्छाई की जीत का ये उत्सव भारतीय जनमानस के बीच उदाहरण के रूप में हर वर्ष प्रस्तुत करना सामाजिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण है.
    इसके अतिरिक्त दशहरा से पहले और इस दौरान देश भर में रामलीला का आयोजन कर श्री राम की कथा के माध्यम से सही रास्ते पर चलने और अपने कर्तव्यों का सही से पालन करने की शिक्षा सदियों से मिलती आ रही है.
    रामलीला खुद में एक उत्सव से कम नहीं होता. यह हमारे देश की महत्वपूर्ण सांस्कृतिक विरासतों में से एक है,
    जो सदियों से निरंतर लोगों का मनोरंजन करती आई है. आज के समय में जब मनोरंजन के विभिन्न साधन मौजूद है, और लोग अपने घरों में सिमटते जा रहे हैं, रामलीला का महत्व और भी बढ़ जाता है. ये सामूहिक मनोरंजन और नाट्य-कला को आज भी जीवित रखे हुए है.

  • दशहरा

    वैसे तो दशहरा पूरे देश में ही बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है, लेकिन देश के कुछ हिस्सों में
    इसे अधिक विशेषता के साथ मनाया जाता है. इसमें सबसे विख्यात मयसूर की दशहरा है.
    पूरे देश से लोग यहाँ दशहरा का उत्सव देखने आते हैं. हिमाचल के कुल्लू में भी दशहरा विशेष रूप में
    मनाई जाती है. बंगाल,झारखण्ड, ओडिशा, बिहार में इसे दुर्गा पूजा के रूप में शक्ति की पूजा के रूप में
    मनाया जाता है.
    आधुनिक समय में दशहरा का पारंपरिक महत्व तो ही, इसका सामाजिक महत्व विशेष रूप से है.
    असत्य पर सत्य की विजय का ये त्यौहार लोगों को सहज ही साथ लाने तथा बुराइयों से दूर रहने की
    शिक्षा दे जाता है.रावन दहन की लौ में हम अपनी बुराइयों को भी जलता देख, आत्मचिंतन कर खुद
    को सही राह में रख सकते हैं. दशहरा विजय के प्रतीक के रूप में भी सदा हमें प्रेरित करता रहे.
    इसी कामना के साथ, आप पाठकों को भी दशहरा की शुभकामनाएं.

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