Short Poem On Diwali in Hindi – दिवाली पर कविता
Short Poem Diwali Poem in Hindi of 10 Lines दिवाली पर छोटी कविता Kavita
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रौशनी
अंधेरे को जब हुआ घमण्ड
इठलाने लगा रचकर प्रपंच
बोला रौशनी से तन कर
“क्या है तुझमें इतनी ताकत कि
कर पाए तू रौशन मेरी रात अमावस?
है मेरा साम्राज्य हर ओर फैला
देख नहीं दिखता उस आसमां तक में
तेरा कोई अंश… फैल रहा देखो मेरा वंश
सब मुझसे घबराएंगें निगाहें जब चुराएंगें
क्या उन्हें हौसला दे पाओगी
कैसे राह दिखाओगी
मेरे आगे तुम कुछ नहीं कर पाओगी
जितना भी जोर लगाओगी
अपना उजाला हर ओर पहुँचा नहीं पाओगी
डर मेरा सबको डराएगा
चीखेगा-चिल्लाएगा, सन्नाटा छा जाएगा
फिर कैसे अपना हुनर दिखाओगी
क्या तुम मेरे सामने टिक भी पाओगी
आज तुम हार ही जाओगी
अंधेरे के घमंड पर रौशनी मुस्कराई
थोड़ा ठहरी और फिर अंधेरे से आँख मिलाई
वो कुछ ना बोली, मुँह ना खोली
बस कुछ क्षण को ओझल हो ली
अंधेरे को इसमें अपनी जीत नजर आई
वो इतराया और बुदबुदाया
क्या खूब रौशनी को हार का मजा चखाया
बीत रहा था पल वो बना फिर रहा था
काले डर का सौदागर
तब उम्मीद ने एक लौ जलाई
हौले से रौशनी ने अपनी झलक दिखाई
उस छोटी सी लौ के चारो ओर
अंधेरा मचाने लगा जब शोर
देख उस लौ का हौसला
कमजोर पड़ने लगा डर का ढकोसला
लेकर उम्मीदों और हौसले को संग
रौशनी निकल पड़ी भरने नई उमंग
अंधेरा ये देख डरने लगा
रौशनी को दबाने की कोशिश करने लगा
पर रौशनी ने हार ना मानी, थी वो स्वाभिमानी
लिखनी थी उसे नई कहानी
उसने एक छोटी सी लौ से जो था
अपने साहस का परिचय दिया
लोगों ने उस पर भरोसा किया
जागरूकता जो उसने फैलाई थी
डर ने मुंहकी खाई थी
दीये लोग जलाने लगे, घर-आंगन और द्वारों पर
कोने-कोने में सजाने लगे
ये देख अंधेरा अब घबराने लगा
धीरे-धीरे कदम वो पीछे हटाने लगा
रौशनी अब हर ओर छाने लगी
अमावस की काली रात में भी वो जगमगाने लगी
धरती की शोभा उस अम्बर तक बढाने लगी
कहाँ कुछ देर पहले छाया अंधियारा था
पर अब रौशनी से फैला उजियारा था
हर घर दमक रहे थे बिखेर अपनी चमक रहे थे
रात ये बडी निराली थी हर ओर खुशहाली थी
दीयों की रौशनी के बीच
अंधेरा अपना साम्राज्य समेट रहा था
चुपचाप रौशनी की ताकत वो देख रहा था
बिना कुछ कहे रौशनी ने बहुत कुछ कहा था
अंधेरा अपना मन मसोस अब बस सिमट रहा था
रात जो अमावस काली थी बन गई
दीयों की दिवाली थी
हर साल ये रात आती है अंह को हरा
विनम्रता की जीत का उदाहरण दे जाती है
– ज्योति सिंहदेव
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सरहद पर दिवाली मना रहा हूँ मैं
अपने देश के लिए कुछ कर पा रहा हूँ मैं !
क्योंकि सरहद पर दिवाली मना रहा हूँ मैं !!
तुम सब सो जाओ चैन से, देश को नुकसान नहीं पंहुचा पायेगा कोई,
क्योंकि सरहद पर दिवाली मना रहा हूँ मैं !!
मेरी चिंता मत करो माँ ! मैं खुश हूँ तुम सबको खुश देखकर !
क्योंकि सरहद पर दिवाली मना रहा हूँ मैं !!
मेरी चिंता मत करो पापा ! मैं देश को नुकसान नहीं पहुँचने दूंगा !!
क्योंकि सरहद पर दिवाली मना रहा हूँ मैं !!
मेरे प्यारे बच्चों तुम हमेशा मुस्कुराओ ! और धूम-धाम से दिवाली मनाओ !!
क्योंकि सरहद पर दिवाली मना रहा हूँ मैं !!
मैं भारत माँ के इस आँचल को उजड़ने नहीं दूंगा!!
क्योंकि सरहद पर दिवाली मना रहा हूँ मैं !!
इस दिवाली भी खुशियो से महकेगा मेरा देश!!
क्योंकि सरहद पर दिवाली मना रहा हूँ मैं!!
किसी आतंकी को सफल मैं होने नहीं दूंगा !!
क्योंकि सरहद पर दिवाली मना रहा हूँ मैं !!
दुश्मनों के नापाक इरादों को थामे बैठा हूँ मैं
क्योंकि भारत माँ का वीर सैनिक हूँ मैं
मेरे प्यारे देश वासियों तुम सब हमेशा खुश रहो
मेरे प्यारे देश वासियों तुम सब हर त्यौहार धूम-धाम से मनाओ !
क्योंकि सरहद पर दिवाली मना रहा हूँ मैं !!
क्योंकि सरहद पर दिवाली मना रहा हूँ मैं !!
क्योंकि भारत माँ का वीर सैनिक हूँ मैं……….
– आँचल वर्मा
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लो आ गयी दीवाली
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सज चुके बाजार हैं देखो , आयी रुत खुशियों वाली है
लेकर के सौगात खुशी की ,
लो आ गयी दीवाली है…
सब देशों में देश अनूठा देश, मेरा त्योहारों वाला ,रंगों का कहीं पतंगो का, कहीं भाई बहन के प्यारों वाला ,
सावन की मस्त हवाओं के संग वो खुशरंग बहारों वाला ,
जीवनसाथी की दुआ मांगता , कभी दुल्हन के श्रृंगारों वाला ,
कोयल सुना रही गीत कहीं पर बैठ आम की डाली है …
लेकर के सौगात ख़ुशी की फिर आ गयी दीवाली है…..
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धीरे धीरे मौसम ने भी अब तो ली अंगड़ाई हैं ,हर घर में अब जोर शोर से चल रही खूब सफाई है,
रंग बिरंगी झालर है लड़ियाँ भी खूब लगाई है ,
घर आंगन यू सजाये हुए ज्यो कोई दुल्हन सजाई है ,
है सब पे मस्ती छाई हुई चेहरों पर आई लाली है ,
लेकर के सौगात खुशी की फिर आ गयी दीवाली है….
जाने कहां पर खो दी हमने वो मिट्टी के दीपों की दुकान ,वो भाई चारा , स्नेह प्रेम ,और भूल गए वो मान सम्मान,
फीका सा लगता है सब कुछ , मिठास खो चुके सब पकवान ,
जाने कहाँ पर गायब हो गयी असली चेहरों की मुस्कान ,
अब कुछ भी कहो ”मोहित” नहीं बाकी , वो बार पुराने वाली है …..
लेकर के सौगात खुशी की लो आ गयी दीवाली है ….
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दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं….
– Mohit Mittal
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