Short Poems in Hindi With Moral – शार्ट पोएम इन हिंदी विथ मोरल
Short Poems in Hindi With Moral – शार्ट पोएम इन हिंदी विथ मोरल
- बेटा हूँ मैं
- बहनों से अच्छा नहीं हूँ
ये पता है मुझे
पर इतना नकारा भी नहीं
जितना नकारा समझा है सबने मुझे
मेरे दर्द को भी कोई सुने, कुछ कहना चाहता हूँ मैं
पिताजी व्यस्त हैं, घर चलाने में
माँ व्यस्त है घर सम्भालने में
मैं किसी से कुछ नहीं कह पाता
पर मैं चाहता हूँ कोई मुझे भी समझे,
थोड़ी देर कोई मेरी बात भी सुने
बहनों के शादी की चिंता मुझे भी खूब सताती है
कई बार मेरी रातों की नींद भी उड़ जाती है
जब माँ के पसन्द की चीजें नहीं ला पाता हूँ
तो सच मानिए अपने जीवन को व्यर्थ पाता हूँ
पर ये दर्द मैं किसी से कह नहीं पाता हूँ,
पिताजी के जूते अब मेरे पैरों में आ जाते हैं
ख़ुश होने से ज़्यादा मैं छुप-छुप कर रोता हूँ
क्योंकि पिताजी के बराबर का हो गया हूँ मैं
पर फिर भी आज भी पिताजी हीं कमाने जाते हैं
मेरे दर्द को भी कोई सुने
अपने आप को सबसे हारा हुआ पाता हूँ मैं
कोई मेरा भी दर्द सुने, कुछ कहना चाहता हूँ मैं
बेटियों से कम नहीं हूँ मैं, जिम्मेदारियाँ निभाने में
बहनों का ख्याल रखने वाला प्यारा भाई हूँ मैं
माँ-पिता के कंधों के बोझ को कम करने वाला बेटा हूँ मैं
सबसे अलग… सबसे अनूठा हूँ मैं, क्योंकि बेटा हूँ मैं
– दीपक शर्मा
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