मोरल शोर्ट स्टोरी – Short Stories in Hindi With Moral :

Short Stories in Hindi With Moral
Short Stories in Hindi With Moral

 

  • मोरल शोर्ट स्टोरी

 

  • विजय पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा था. उसके पिताजी का एक्सीडेंट हो गया था, उनके रीढ़ की हड्डी टूट गई थी. और डॉक्टर ने लगभग एक साल तक उन्हें ठीक होने के बावजूद आराम करने की सलाह दी थी. सारी जमा पूंजी उनके ऑपरेशन में खत्म हो चुका थी. अब घर की सारी जिम्मेदारी विजय पर आ गई थी.
    विजय को वो दिन याद आने लगे, जब उसके पिता उसकी सारी जरूरत पूरी करते थे. उसके लिए लैपटॉप खरीद दी, उसे बड़े शहर में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए भेजा. हर महीने उस पर हजारों रुपए हँसते-हँसते खर्च किए. लेकिन सुनील तो अपने पिता को धोखा दे रहा था. लैपटॉप, मोटर साइकिल और हर सुविधा का उसने दुरूपयोग हीं किया. और इस तरह देखते-देखते उसने अपने जीवन से 4-5 साल बर्बाद कर दिए. सुनील को वे दिन याद आने लगे, जब वो दिन भर बाइक पर उड़ता रहता था. और आज उसके पास इतने पैसे भी नहीं हैं कि वो बाइक में पेट्रोल तक भरवा सके. सुनील को बहुत ग्लानि हो रही थी. वह खुद से नजरें नहीं मिला पा रहा था. लेकिन उसने निश्चय किया कि वह खुद को बदलेगा और अपने पिता के विश्वास को सच कर दिखायेगा. देर से हीं सही सुनील चल पड़ा था, सही रास्ते की ओर.
    vijay par museebaton ka pahaad toot pada tha. usake pitaajee ka ekseedent ho gaya tha, unake reedh kee haddee toot gaee thee. aur doktar ne lagabhag ek saal tak unhen theek hone ke baavajood aaraam karane kee salaah dee thee. saaree jama poonjee unake opareshan mein khatm ho chuka thee. ab ghar kee saaree jimmedaaree vijay par aa gaee thee.
    vijay ko vo din yaad aane lage, jab usake pita usakee saaree jaroorat pooree karate the. usake lie laipatop khareed dee, use bade shahar mein pratiyogee pareekshaon kee taiyaaree ke lie bheja. har maheene us par hajaaron rupe hansate-hansate kharch kie. lekin suneel to apane pita ko dhokha de raha tha.