Thoughts on Friendship in Hindi Language
Heart Touching emotional Thoughts on Friendship in Hindi language font with image
- दोस्ती
- हमारा Dedication जैसे लोगों के प्रति होता है, हमारी वैसी हीं गति होती है. कर्ण का Dedication दुर्योधन के प्रति था, इसलिए उसकी बुरी गति हुई. जबकि विभीषण का Dedication राम के प्रति था, इसलिए उसकी अच्छी गति हुई.
→ Check कीजिए आपका Dedication कैसे लोगों के प्रति है. - दोस्ती बहुत कम लोगों से करनी चाहिए.
- अगर कोई बुरा व्यक्ति आपका दोस्त है, तो यकीन मानिए आप अच्छे व्यक्ति नहीं हैं.
- दोस्ती सावधानी से करनी चाहिए.
- अपना काम निकालने के लिए कभी भी किसी बुरे व्यक्ति से दोस्ती मत कीजिए.
- बुरा समय बीत जाता है लेकिन, बुरे लोग मुश्किलों में साथ देने की महँगी कीमत वसूलते हैं. इसलिए हमें खुद को इतना सक्षम बनाना चाहिए कि बुरे वक्त में भी किसी बुरे व्यक्ति की मदद न लेनी पड़े.
कर्ण ने बुरे समय में दुर्योधन की सहायता ली थी, इसलिए वह दुर्योधन का ऋणी बन गया. - दोस्ती की भी एक मर्यादा होती है और हमें उस मर्यादा को कभी नहीं टूटने देना चाहिए. क्योंकि मर्यादा टूटने के बाद दोस्ती दुश्मनी में बदल जाती है.
- अगर आपके पास एक भी सच्चा दोस्त है, तो मुश्किलों का सामना आप आत्मविश्वास से करेंगे.
- दोस्ती अपने उम्र वाले लोगों से हीं निभती है, बेमेल दोस्ती अतं में एक बुरी याद बन जाती है.
- एक सच्चा दोस्त, सभी रिश्तेदारों पर भारी होता है.
- बचपन की दोस्ती सबसे ज्यादा टिकती है.
- किसी से दोस्ती करते वक्त चौकन्ने रहिए, क्योंकि कुछ लोग दोस्त बनकर पीठ में छूरा भोंकते हैं.
- सफल वैवाहिक जीवन जीने वाले लोग आपस में बहुत अच्छे दोस्त होते हैं.
- कई बार हमारे दुश्मन, हमें कुछ कर गुजरने के लिए मजबूर करते हैं.
- जिन लोगों के पास बहुत ज्यादा दोस्त होते हैं, उनके पास कोई सच्चा दोस्त नहीं होता है. क्योंकि सच्चे दोस्त थोक के भाव पर नहीं मिलते हैं.
- जो आपकी कमजोर नब्ज जानने के बावजूद, आपको परेशान न करें वही सच्चा दोस्त है. ऐसे दोस्त बहुत मिलते हैं, इसलिए अपनी कमजोर नब्ज का किसी को पता न लगने दें, यही चिंतामुक्त रहने का मन्त्र है.
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