Unique कविताएँ – Unique Poem in Hindi Different Poetry Kavita
Unique कविताएँ – Unique Poem in Hindi Different Poetry Kavita
- छवि
- मैं बनती हूँ
देर से
बिगड़ती हूँ
जल्दी में
पहली बार में ही
स्थापित होती हूँ
मेरे बनने
बिगड़ने का
नाता संस्कार से है
संज्ञा जो भी हो
पति-पत्नी
माता-पिता
भाई-बहन
शिष्य-शिक्षक
मित्र-शत्रु
पिता-पुत्र
राजा-प्रजा
शासक-प्रशासक
नेता-अभिनेता
नायक-खलनायक
दुनिया वालों
मेरा महत्व समझो
क्योंकि मैं ही हूँ
लाभ-हानि का
अपना-पराया का
मित्रता-शत्रुता का
सक्षम-असक्षम का
कारण भी
– Narayan Mishra
Unique Kavita
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-
छटा
- मैं बाल–वृद्ध में
किशोर-नौजवान में
भाई-बहन में
माँ-भाभी में
शिष्य-शिक्षक में
काला-गोरा में
गरीब-अमीर में
सम्पन्न-विपन्न में
सुरूप-कुरूप में
झोपड़ी-महल में
मैदान-पहाड़ में
सूखा-बाढ़ में
शिक्षित-अशिक्षित में
मद्यप-अमद्यप में
विद्वान-मूर्ख में
नायक-खलनायक में
पक्ष-विपक्ष में
वृक्ष-तना में
मैं सब में विद्यमान हूँ
मात्र मुझे देखने
की दिव्य दृष्टि
होनी चाहिए
क्योंकि सब उन्हीं
ईश्वर की बनायी
सृष्टि है
– Narayan Mishra - Unique कविताएँ – Unique Poem in Hindi Different Poetry Kavita
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