Varsha Ritu Poem in Hindi
Varsha Ritu Poem in Hindi
- वर्षा रानी
- तुम धन्य हो वर्षा रानी, मृत्प्रायों को देती पानी
जग में तुम खुशहाली लाती, खेतों में हरियाली लाती…………
संग अनेक सहेली लाती, तपते जग में शीतलता लाती
नए-नए तुम फूल खिलाती, जंगल में भी मंगल लाती…………
तुम जग की रक्षा करती, तुम बिन कौन हमें दे पानी
अन्नदात्री है तू ही रानी, तुम धन्य हो वर्षा रानी…………
जब तुम कृपा करती हो रानी, जग में भर जाता है पानी
तुम पर हीं अरमान हमारा, तुम पर हीं है प्राण हमारा…………
बस इसलिए तो हम तेरी करते हैं आगवानी, चाहे राजा हो या रानी
सब मर जाएँ बिन पानी, पशु हों, पक्षी या मानव सबका हीं जीवन है पानी…………
तुम जब जाती हो रानी, तो रो पड़ते हैं सब प्राणी
यह सत्य है करुण कहानी, तुम यहीं रहो मनमानी…………
तब हम भी सुखी रहेंगे, नव जीवन प्राप्त करेंगे
तुम धन्य हो वर्षा रानी, मृत्प्रायों को देती पानी…………
डॉ नारायण मिश्र - tum dhany ho varsha raanee, mrtpraayon ko detee paanee
jag mein tum khushahaalee laatee, kheton mein hariyaalee laatee…………
sang anek sahelee laatee, tapate jag mein sheetalata laatee
nae-nae tum phool khilaatee, jangal mein bhee mangal laatee…………
tum jag kee raksha karatee, tum bin kaun hamen de paanee
annadaatree hai too hee raanee, tum dhany ho varsha raanee…………
jab tum krpa karatee ho raanee, jag mein bhar jaata hai paanee
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