Veer Tum Badhe Chalo Poem – वीर तुम बढ़े चलो कविता
Veer Tum Badhe Chalo Poem द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी की एक प्रेरणादायक कविता है. जो बच्चों, युवकों सभी को
प्रेरित करने में आज भी सक्षम है.
-
वीर तुम बढ़े चलो ! धीर तुम बढ़े चलो !
वीर तुम बढ़े चलो ! धीर तुम बढ़े चलो !
हाथ में ध्वजा रहे बाल दल सजा रहे
ध्वज कभी झुके नहीं दल कभी रुके नहीं
वीर तुम बढ़े चलो! धीर तुम बढ़े चलो!
सामने पहाड़ हो सिंह की दहाड़ हो
तुम निडर डरो नहीं तुम निडर डटो वहीं
वीर तुम बढ़े चलो! धीर तुम बढ़े चलो!
प्रात हो कि रात हो संग हो न साथ हो
सूर्य से बढ़े चलो चन्द्र से बढ़े चलो
वीर तुम बढ़े चलो! धीर तुम बढ़े चलो!
एक ध्वज लिये हुए एक प्रण किये हुए
मातृ भूमि के लिये पितृ भूमि के लिये
वीर तुम बढ़े चलो! धीर तुम बढ़े चलो!
अन्न भूमि में भरा वारि भूमि में भरा
यत्न कर निकाल लो रत्न भर निकाल लो
वीर तुम बढ़े चलो! धीर तुम बढ़े चलो!
– द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
-
वीर तुम बढ़े चलो, तुम्हारे साथ है पूरा हिन्दुस्तान
वीर तुम बढ़े चलो, तुम्हारे साथ है पूरा हिन्दुस्तान
तुम से ही तो हम सब हैं
तुम नहीं तो कुछ नहीं….
तुम नहीं होते, तो ये देश हो जाता वीरान
तुम हीं हो पूरे हिन्द की जान
तुमसे हीं ये है हिन्दुस्तान
तुमसे हीं सरहदें सुरक्षित हैं
तुमसे हीं माँ-बहनें सुरक्षित हैं
तहे दिल से सलाम है उस माँ को
जिसने तुम जैसे वीर को जन्म दिया
जिस माँ ने भारत माँ को अपने बेटे को सौंप दिया
तहे दिल से सलाम है तुम्हारी बहादुरी को जवान
सलाम है, तुम्हारी निःस्वार्थ भावना को
अपने खून बहाकर भी लोगों की रक्षा करना कोई तुमसे सीखे
हर दर्द सहते हुए भी जिंदादिली से जीना कोई तुमसे सीखे
राष्ट्र के लिए अपना सर्वस्व लुटाना कोई तुमसे सीखे
मेरी क्या बिसाद जो मैं कुछ लिख सकूं तुम्हारी शान में …
मेरे तो शब्द भी तुच्छ पड़ जाते हैं………..
तुम्हारे तेज, तुम्हारी बहादुरी और तुम्हारी बुद्धि के आगे…..
हर कोई तुम्हारी तरह हो भारत पर हो कुर्बान
भारत माँ के सच्चे प्रहरी तुम हीं हो वीर जवान …
तुमसे हीं है देश की आन बान शान….
वीर तुम बढ़े चलो, तुम्हारे साथ है पूरा हिन्दुस्तान
– नमिता कुमारी
-
veer tum badhe chalo
veer tum badhe chalo, tumhare sath hai pura hindustaan
tum se hee to hum sab hain
tum nahi to kuchh nahi….
tum nahi hote, to ye desh ho jaata veeran
tum heen ho poore hind kee jaan
tumase heen ye hai hindustaan
tumase heen sarahaden surakshit hain
tumase heen maan-bahanen surakshit hain
tahe dil se salaam hai us maan ko
jisane tum jaise veer ko janm diya
jis maan ne bhaarat maan ko apane bete ko saump diya
tahe dil se salaam hai tumhaaree bahaaduree ko javaan
salaam hai, tumhaaree nihsvaarth bhaavana ko
apane khoon bahaakar bhee logon kee raksha karana koee tumase seekhe
har dard sahate hue bhee jindaadilee se jeena koee tumase seekhe
raashtr ke lie apana sarvasv lutaana koee tumase seekhe
meree kya bisaad jo main kuchh likh sakoon tumhaaree shaan mein …
mere to shabd bhee tuchchh pad jaate hain………..
tumhaare tej, tumhaaree bahaaduree aur tumhaaree buddhi ke aage…..
har koee tumhaaree tarah ho bhaarat par ho kurbaan
bhaarat maan ke sachche praharee tum heen ho veer javaan …
tumase heen hai desh kee aan baan shaan….
veer tum badhe chalo, tumhaare saath hai poora hindustaan
.