Zindagi Na Milegi Dobara Poem in Hindi || जिंदगी ना मिलेगी दोबारा पोएम हिंदी
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जिंदगी ना मिलेगी दोबारा
( Zindagi Na Milegi Dobara ) - क्या हुआ जो देर हो रही, एक मुकाम पाने में
क्या हुआ जो देर हो रही, जिंदगी आसान बनाने में
क्या हुआ जो देर हो रही, किसी रास्ते पर चल पाने में
क्या हुआ जो देर हो रही, खुद को साबित कर पाने में
क्या हुआ अगर देर हो रही है, अपने सपनों की दुनिया सजाने में
देर से हीं सही, पर होगी कोई बात नई
तेरी आनेवाली जिंदगी होगी खुशियाँ भरी
क्यों मुस्कुराना भूलते हो, बीती बातों को याद करके
क्यों उलझनों में झूलते हो, वर्तमान को बर्बाद करके
दिल में जो ख्वाब हैं, उन्हें साकार करो तुम
अपने इरादों से दिन रात प्यार करो तुम
तुझमें दम है…. तो खुद की दुनिया बनाओ तुम
जो किसी ने नहीं किया हो, कुछ ऐसा कर जाओ तुम
जो रुक गया जिंदगी के सफर में, यहाँ बस वही हारा
जो चलता रहा जिंदगी में, वक्त ने खुद उसके जीवन को संवारा
तुम भी जी लो जिंदगी के एक-एक पल को खुल कर
क्योंकि जिंदगी ना मिलेगी फिर दोबारा – ज्योति सिंहदेव
ZNMD Poems –
Jindagi Ek Khuli Kitaab Hai
Mne jindagi ko bahut karib se dekha
jndgi ye to Kora kagaj hai
Jaisa rang ham bharenge
Wse hi rang payege
Jindagi ek khuli kitaab hai.
Meri maa ki good mein Sara rakha
To Jana jannat mil gy
Jese Apno ki khushiya
Virasat Mai mil gy.
Meri jindagi ek berang kitab ki tarah hai
Mne jindagi ko bahut karib se dekha h.
Meri jindgi m pyar ki kami thi
Jab wo Meri jindgi mein aaya
Jse Mere jivan mein rangon ki barsaat ho gy
Usne mujhe itni khushiya di
Ki m smbhal nhi pai
Meri jindgi to abi adhuri hai
Q ki kuch berang panne baaki h
Jindgi ek khuli kitaab hai
Mne jndgi ko BHT krb s dkha h.
By:-
Chhavi sharma
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